सीतापुर: पुलिस ने किया साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार

सीतापुर। साइबर क्राइम के जरिए लोगों से ठगी करने वाले एक अंतरजनपदीय गिरोह का भंडाफोड़ कर पुलिस ने तीन शातिर साइबर अफराधियों को दबोचा है। उनके कब्जे से पुलिस ने पांच मोबाइल फोन, तीन आधार कार्ड आदि समान बरामद किया है। घटना का खुलासा करने में शहर कोतवाली पुलिस व क्राइम ब्रांच टीम का विशेष योगदान रहा। एसपी ने खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 10 हजार रुपए नकद पुरुस्कार देने की घोषणा की है।

एएसपी दक्षिण एनपी सिंह ने खुलासा करते हुए बताया कि क्राइम ब्रांच व शहर कोतवाली पुलिस टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए उन्नाव जिले के गंगाघाट थाना क्षेत्र के शुक्लागंज निवासी प्रदीप कुमार सिंह उर्फ हिमांशु, इसी क्षेत्र के टेंट वाली गली निवासी अमन सिंह, कानपुर नगर के गोविंद नगर इलाके के भाटिया भवन कच्ची बस्ती निवासी रवि कुमार को गिरफ्तार किया गया है। यह लोग बैंक ग्राहकों से उनके खाते से संबंधित गोपनीय जानकारी हासिल कर खातों से रुपए पार कर देते थे।

एएसपी का कहना है कि पकड़े गए उक्त तीनों आरोपियों का एक साथ विकास गुप्ता अभी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है। उसकी सरगर्मी तलाश की जा रही है। शीघ्र ही उसको भी दबोचा जाएगा। एएसपी का कहना है कि पकड़े गए तीनों अभियुक्तों से चार एड्रायड फोन, एक कीपैड फोन व तीन अदद फर्जी आधार कार्ड बरामद किए गए हैं। पुलिस का कहना है कि पकड़े गए शातिरों को जेल भेज दिया गया है। इन लोगों पर सीतापुर के रामपुर कलां, शहर कोतवाली, बाराबंकी, कानपुर आदि जगहों पर आपराधिक केस दर्ज हैं।

घटनाओं को ऐसे अंजाम देते थे शातिर

पुलिस सूत्रों के मुताबिक पकड़े गए अपराधियों का एक संगठित गिरोह है। जिसमें कई लोग मिलकर सुनियोजित तरीके से साइबर अपराध करते है। पुलिस के मुताबिक मुख्य रूप से कैनरा बैंक जाकर खाताधारको का खाता संख्या प्राप्त कर लेते है। बैंक के टोल फ्री नंर पर फोन कर खाता नम्बर बता कर खातो से सम्बन्धित अन्य गोपनीय जानकारी जैसे खाताधारक का नाम व पता, रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर, डेबिट कार्ड के शुरूवात व अन्त के 4-4 अंक प्राप्त कर लेते है, बाकि बचे 8 अंको में से 4 अंक ब्रांच कोड तथा 2 अंक शून्य होते है, शेष बचे 2 अंक अभियुक्त अन्य केनरा बैंक के डेबिट कार्ड की समीक्षा कर तैयार कर लेते है ।

खाताधारक के रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर अभियुक्तगणो द्वारा सबसे पहले रिचार्ज/टॉपअप किया जाता है, इसके पश्चात अपने फर्जी 05 विभिन्न नम्बरो से खाताधारक के रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर मिस काल/काल करते हैं। जिसके बाद खाताधारक से ये लोग कुछ देर अनावश्यक बाते करते है जिससे काल ड्यूरेशन बन सके। इसके पश्चात मोबाइल कम्पनी के टोल फ्री नम्बर पर काल करके खाताधारक के रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर को बन्द कराने का अनुरोध करते हैं और अपना नम्बर बताते है, मोबाइल कम्पनी द्वारा मांगी गई जानकारी जैसे अंतिम रिचार्ज व अंतिम पांच कॉल जिससे बातचीत की गयी हो, उसे भी उपलब्ध कराते है, मोबाइल कम्पनी सन्तुष्ट होने पर उक्त मोबाइल नम्बर को बंद कर देती है। ऐसी ही कई प्रक्रियाएं पूरी कर यह लोग खातों से रुपए पार कर देते हैं।

इन पुलिस कर्मियों को मिली कामयाबी

साइबर क्रिमिनल्स को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर विजय वीर सिंह सिरोही, शहर कोतवाली के वरिष्ठ उपनिरीक्षक मुकेश कुमार, एसआई शशांक पांडेय, क्राइम ब्रांच के आरक्षी रोहित कुमार तोमर, भूपेन्द्र राणा, सुमित राघव, अनुराग पाण्डेय शहर कोतवाली में तैनात हेड कांस्टेबिल रामअवध, आरक्षी संदीप सिंह शामिल थे।

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