सीतापुर: कागजों पर पूरे, लेकिन हकीकत में अधूरे हैं कई सामुदायिक शौचालय

सीतापुर। स्वच्छ भारत मिशन के तहत सकरन इलाके में बनवाये गये सामुदायिक शौचालय के नाम पर गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही हैं। कहा जा रहा है कि इन सामुदायिक शौचालयों को पूर्ण निर्माण दिखा कर सरकारी पैसा निकाल लिया गया, लेकिन अभी भी कई जगह शौचालयों का निर्माण पूरा नहीं हुआ है। हालांकि विभागीय जिम्मेदार का कहना है कि अधिकांशत: शौचालयों का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। दो गांवों के शौचालय अधूरे हैं।

सकरन विकास खंड की सभी 85 ग्राम पंचायतों में वर्ष 2019-20 में सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत सामुदायिक शौचालय बनवाये जाने के निर्देश दिये थे। उसके बाद सरकार द्वारा हर ग्राम पंचायत के खाते में प्रति शौचालय पांच लाख 70 हजार की धनराशि आवंटित की गयी थी। खातों में धनराशि आ जाने के बाद समूचे ब्लाक के तत्कालीन प्रधानों व पंचायत सचिवों ने अपने चहेते ठेकेदारों को शौचालय निर्माण का ठेका दे दिया था।

कुछ माह बाद ही सामुदायिक शौचालय निर्माण पूर्ण दर्शाकर सचिवों व प्रधानों ने 85 ग्राम पंचायतों की चार करोड़ 84 लाख 50 हजार की सारी धनराशि निकाल ली। जब कि जमीनी हकीकत यह है कि किसी शौचालय का टैंक नही बना तो किसी में स्लेब नहीं पड़ी है। कुछ में दरवाजा तक नहीं लगवाये गये हैं।

सूत्र बताते हैं कि इन शौचालयों का निर्माण पूर्ण दर्शाकर सारे पैसे निकाल लिये गये। शौचालय निर्माण अधूरे होने की वजह से गांवों के लोग अभी भी बाहर खेतों में शौच जाने पर मजबूर हैं। एडीओ (पंचायत) रविशंकर ने बताया कि भिठमनी, दुगाना समेत केवल तीन सामुदायिक शौचालय अभी अधूरे हैं। बाकी ग्राम पंचायतों का निर्माण पूरा हो गया है।

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