लखनऊ: इस बार भी घटी पॉलीटेक्निक में प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या, जानें वजह
लखनऊ। पॉलीटेक्निक संस्थानों की पिछले साल की तरह इस बार भी सीटे खाली रह जायेंगी, लेकिन इस बार अधिकारियों की चिंता अधिक बढ़ी हुई है। दरअसल आवदेन के बाद प्रवेश परीक्षा में करीब पौने तीन लाख परीक्षार्थियों ने प्रवेश परीक्षा छोड़ी है। प्रवेश के लिए आवदेन करने के बाद छात्रों ने परीक्षा क्यों छोड़ी है इस पर विभाग मंथन करेगा। विभागीय अधिकारियों का कहना है पॉलीटेक्निक संस्थानों कें प्रवेश के लिए हर साल करीब 50 से 60 हजार छात्र परीक्षा छोड़ देते थे लेकिन इस बार यह आकड़ा बढ़कर पौने तीन लाख के करीब पहुंच गया है।
ऐसे में अधिकारियों के साथ-साथ पॉलीटेक्निक संस्थानों के लिए भी सीटे भरना मुश्किल होगा। प्रवेश के हर साल घटते आकड़ों को देखें तो पता चलता है कि पॉलीटेक्निक की पढ़ाई से छात्रों का मोह भंग होना शुरू हो गया है। वर्तमान सत्र 2020-21 जिनकी परीक्षाएं जारी है में 101210 सीटें नहीं भर पाई थीं।
इसके साथ ही पिछले दस वर्षों में हुई प्रवेश परीक्षा में जहां औसतन 35 से 60 हजार अभ्यर्थी अनुपस्थित रहते थे, वहीं वर्ष 2020 और 2021 में पौने तीन लाख अभ्यर्थियों ने प्रवेश परीक्षा छोड़ी है। जबकि ये पिछले साल ये आकड़ा 80 हजार के करीब था। जानकार बताते हैं कि कोरोना, प्रवेश परीक्षा का ऑनलाइन होना, शिक्षकों की कमी, छोटे शहरों में प्लेसमेंट नहीं मिलना, लैब, पाठ्यक्रम, लाइब्रेरी को अपडेट नहीं किया जाना आदि प्रमुख कारण बताते हैं।