अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि पूजन की भव्य तैयारी, PM मोदी कार्यक्रम में होंगे शामिल,आडवाणी समेत कई नेताओं को मिल सकता है न्यौता

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर हलचल तेज हो गई है. अगस्त के पहले हफ्ते में भूमि पूजन का कार्यक्रम किया जा सकता है. इसकी भव्य तैयारी की जा रही है. राम मंदिर निर्माण की वो मंगल बेला आ गई है, जिसका देश की जनता लंबे वक्त से इंतजार कर रही थी. राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की तारीख तय हो गई है. अगले महीने 5 अगस्त को राम मंदिर के लिए भूमि पूजन का शुभ मुहुर्त निकला है. भले ही कोरोना वायरस का संकट हो लेकिन सभी नियमों का ध्यान रखते हुए इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को श्रीराम जन्मभूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे. सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी सुबह 11 बजे अयोध्या पहुंचेंगे. भूमि पूजन कार्यक्रम 3 से 4 घंटे चलेगा. भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए काशी से पुजारी बुलाए जाएंगे.

बढ़ाई जाएगी राम मंदिर की ऊंचाई 
राम मंदिर ट्रस्ट की बैठक में तय हुआ है कि राम मंदिर की ऊंचाई बढ़ाई जाएगी. पहले मंदिर  की ऊंचाई 128 फीट तय थी, जो अब बढ़ाकर 161 फीट की जाएगी. इसके अलावा अब गर्भगृह के आसपास 5 गुंबद बनाए जाएंगे. ट्रस्ट की बैठक में तय हुआ है कि राम मंदिर का निर्माण 3 साल के अंदर पूरा कर लिया जाएगा. यानी 2023 तक अयोध्या में दुनिया का सबसे भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा. राम मंदिर के लिए अभी पत्थर पूरे नहीं हैं. पत्थरों की आपूर्ति के लिए श्रवण कमेटी का गठन किया जाएगा.

मंदिर आंदोलन से जुड़े लोग होंगे शामिल

राम मंदिर आंदोलन से जुड़े वरिष्ठ भाजपा नेता और संत समाज के लोगों को भी भूमि पूजन के कार्यक्रम में बुलाया जा सकता है. इनमें पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, बीजेपी के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी को बुलाया जाएगा, कोशिश रहेगी कि वो अयोध्या ही आएं.

साथ ही मंदिर आंदोलन से पहचान बनाने वाले नेताओं में उमा भारती, विनय कटियार और साध्वी ऋतंभरा को बुलाया जा सकता है. विश्व हिंदू परिषद की ओर से आलोक कुमार, मिलिंद परांदे शामिल हो सकते हैं. जबकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर खुद मोहन भागवत और अन्य कुछ नेता आ सकते हैं.

अगर सरकार की बात करें, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस कार्यक्रम में हिस्सा ले सकते हैं. सूत्रों की मानें तो वीआईपी गेस्ट की संख्या सिर्फ 50 तक रहेगी, साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाएगा. इसके अलावा अयोध्या के पांच-छह इलाकों में बड़ी स्क्रीन लगाई जाएगी, ताकि लोगों को कार्यक्रम देखने में कोई दिक्कत ना आए.

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