यूपी चुनाव से पहले गरमाया पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भले ही राजनीतिक दल विकास और रोजगार के दावों के साथ घोषणा पत्र जारी करें, लेकिन साढ़े ग्यारह लाख शिक्षक व कर्मचारियों से जुड़ा पुरानी पेंशन का मुद्दा भी इस बार चुनाव में वोट देने का आधार बनेगा। शिक्षक संगठनों ने कहा है कि जो भी राजनीतिक दल अपने घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन बहाली, महाविद्यालयों के शिक्षकों की अधिवर्षता आयु 65 वर्ष करने सहित प्रमुख मांगों को शामिल करेगा, उसी को समर्थन करेंगे। उत्तर प्रदेश में एक अप्रैल 2005 के बाद पुरानी पेंशन बंद कर दी थी। तभी से उसके बाद नियुक्त शिक्षक व कर्मचारी इसकी बहाली की मांग कर रहे हैं। अब विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दल अपना-अपना घोषणा पत्र जारी करने वाले हैं। इसलिए शिक्षकों ने अपनी मांगों को भी उसमें शामिल करने के लिए कहा है। पुरानी पेंशन की मांग लगातार जारी है। इसके अलावा महाविद्यालयों के शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की भांति मेडिकल सुविधा भी नहीं दी जा रही। कई राज्यों में उनकी सेवानिवृत्त की आयु 65 वर्ष कर दी गई, लेकिन उत्तर प्रदेश में कोई आदेश नहीं। इसलिए जो शिक्षकों की मांगें अपने घोषणा पत्र में शामिल करेगा, उसके पक्ष में वोट देने की अपील की जाएगी।