गुलाम नबी संसद में हुए भावुक, पाकिस्तान को लेकर कही ये बड़ी बात
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल मंगलवार को संसद के उच्च सदन से पूरा हो गया है। उनके सम्मान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई सांसदों ने विदाई भाषण दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने एक पुरानी बात का जिक्र करते हुए भावुक हो गए। इसके बाद जब गुलाम नबी आजाद के बोलने की बारी आई तो उन्होंने कहा कि मैं खुशकिस्मत हूं कि पाकिस्तान नहीं गया और मुझे अपने हिंदुस्तानी मुसलमान होने पर फक्र है। उन्होंने यह भी कहा कि जैसी बुराईयां समाज में हैं, वह बुराईयां हिंदुस्तानी मुसलमान में नहीं हैं। इस दौरान जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले का जिक्र करते हुए वह भी भावुक हो गए।
इस दौरान गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘’मैं जम्मू-कश्मीर के सबसे बड़े कॉलेज एसपी कॉलेज में पढ़ता था। जहां 14 अगस्त (पाकिस्तान की आजादी का दिन) भी मनाया जाता था और 15 अगस्त भी। वहां ज्यादातर वो लोग थे, जो 14 अगस्त मनाते थे। और जो लोग 15 अगस्त मनाते थे, उनमें मैं था और मेरे दोस्त थे। हम प्रिंसिपल और स्टॉफ के साथ रहते थे। इसके बाद हम दस दिन तक स्कूल नहीं जाते थे क्योंकि पिटाई होती थी। मैं उस स्थिति से निकलकर आया हूं।” उन्होंने कहा, ”मुझे खुशी है कि जम्मू-कश्मीर की कई पार्टियों के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर आगे बढ़ा।”
गुलाम ने आगे कहा, ”मेरी हमेशा ये सोच रही है कि हम बहुत खुशकिस्मत है कि हम जन्नत यानि हिंदुस्तान में रह रहे हैं। मैं तो आजादी के बाद पैदा हुआ। लेकिन आज गुगल के जरिए और यूट्यूब के जरिए मैं पढ़ता हूं और देखता हूं। मैं उन खुशकिस्मत लोगों में से हूं जो कभी पाकिस्तान नहीं गया। लेकिन जब मैं देखता हूं कि पाकिस्तान में किस तरह के हालात हैं तो मुझे हिंदुस्तानी होने पर फख्र होता है कि हम हिंदुस्तानी मुसलमान हैं।” उन्होंने कहा, ”आज विश्व में किसी मुसलमान को फख्र होना चाहिए तो वो हिंदुस्तान के मुसलमान को होना चाहिए।”
गुलाम नबी ने कहा, ”हम पिछले 30-35 सालों से तालिबान और अफगानिस्तान जैसे देशों को भी देख रहे हैं। दुनिया में ऐसे कई देश हैं जो आपस में लड़ रहे हैं। वहां हिंदु या ईसाई नहीं है, वहां मुसलमान हैं फिर भी आपस में लड़ाई कर रहे हैं। जो समाज में बुराई हैं, आज हम गौरव से यह कह सकते हैं कि हमारे देश के मुसलमानों में वह बुराईयां नहीं हैं। लेकिन यहां बहुसंख्यक समुदाय को भी दो कदम आगे आने की जरूरत है।”