73 वर्षीय वरिष्ठ पत्रकार तुहिन कांति घोष का निधन
कोलकाता। वरिष्ठ पत्रकार, इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी और संवाद समिति यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (यूएनआई) के पूर्व अध्यक्ष तुहिन कांति घोष का यहां उनके निवास पर निधन हो गया। वह 73 वर्ष के थे। श्री घोष वह काफी समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने बुधवार को अपने आवास पर अंतिम सांसें लीं। उनके परिवार में पत्नी सुवर्णा, बेटियां लवोनिता और आनंदिता, बहनें रीता और रोनिता, भाई तमल हैं।
भारतीय मीडिया में शामिल होकर राजीव गांधी सरकार के कठोर कानूनों का विरोध करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाता है जिसमें प्रेस की स्वतंत्रता पर पाबंदी लगाने का प्रयास किया गया था। वह 80 के दौर की शुरुआत में इंडियन तथा ईस्टन न्यूजपेपर सोसायटी (आईईएनएस) के पूर्वी क्षेत्र की क्षेत्रीय समिति के भी अध्यक्ष रहे। उन्होंने अपने दादा तुषार कांति की सरप्रस्ती में खुद को तैयार किया, जो स्थानीय दैनिक अमृता बाजार पत्रिका और जुगंतर प्रकाशन समूह का नेतृत्व करते थे।
इलाहाबाद में पले-बढ़े श्री तुहिन अखबार की दुनिया से परे संगीत कौशल और खेल प्रेम के लिए जाने जाते थे। उन्हें जब भी समय मिलता वह जंगल में रहना पसंद करता था। इस कारण बाद में वह एक संरक्षणवादी भी बने। उन्होंने प्रथम श्रेणी के साथ वकालत की परीक्षा उत्तीर्ण की और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक वकील के रूप में अभ्यास किया। दादा के निधन के बाद उन्होंने परिवार के मीडिया व्यवसाय के विकल्प चुनने के बजाय संपादक के रूप में पदभार ग्रहण किया।