सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस गोगोई यौन शोषण के आरोपों से बरी

नई दिल्ली। पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ चल रहे यौन शोषण की जांच बंद कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में कहा कि पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन शोषण के आरोप न्यायपालिका के खिलाफ गहरी साजिश है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस ए के पटनायक द्वारा इस मामले में की गई जांच में भी कोई तथ्य सामने नहीं आया है। इसलिए अब यह मामला पूरी तरह से बंद किया जा रहा है।

पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ कोई सुबूत नहीं मिला- गुरुवार को पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ चल रहे यौन शोषण मामले की सुनवाई जस्टिस संजय किशन कौल, एएस बोपन्ना और वी रामसुब्रमण्यम ने की। बेंच के अध्यक्ष जस्टिस कौल ने बताया कि इस मामले की जांच किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। लेकिन सबूतों न होने के कारण आरोपों को पूरी तरह साबित नहीं किया जा सका। कोर्ट ने यह भी कहा कि जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में षड्यंत्र की आशंका से इनकार नहीं किया है।

साजिश की आशंका थी- जांच कमेटी की रिपोर्ट में आईबी निदेशक की चिट्ठी का भी ज़िक्र है। जिसमें कहा गया था कि एनआरसी समेत कई मामलों में कड़े फैसले ले रहे जस्टिस गोगोई के खिलाफ षड्यंत्र की आशंका थी। इसके अलावा कोर्ट की रजिस्ट्री गड़बड़ियों को लेकर भी गोगोई जिस तरह सख्त थे,  उससे भी उनके खिलाफ साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता।

जस्टिस रंजन गोगोई निर्दोष पाए गए- दरअसल 2019 में तत्कालीन चीफ जस्टिस गोगोई पर एक महिला कर्मचारी ने यौन शोषण का आरोप लगाया था। उसी समय एक वकील उत्सव बैंस ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर इस मामले में साज़िश का दावा किया था। वर्तमान चीफ जस्टिस एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली तीन जजों की आंतरिक कमेटी ने आरोप लगाने वाली महिला समेत मामले से जुड़े सभी लोगों के बयान लिए. तथ्यों की जांच की और जस्टिस गोगोई को निर्दोष पाया।

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