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पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर बोलीं वित्त मंत्री- इस पर कुछ भी कहना ‘धर्म संकट’

अहमदाबाद। पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों को लेकर जहां एक कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल केंद्र की मोदी सरकार हमलावर है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार इस मामले को लेकर अपना पल्ला झाड़ रही है। विपक्षी दल तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार को घेर रहे हैं तो वहीं सरकार का कहना है कि कीमत बढ़ाने घटाने को लेकर उनके हाथ में कुछ नहीं है। केंद्र सरकार ने तेल बढ़ती कीमतों सफाई देते हुए कहा कि तेल की कीमत सरकार नहीं तेल कंपनियां तय कर रही है।

गुरुवार को एक बार तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बयान दिया है। अहमदाबाद में एक कॉन्फ्रेंस के दौरान जब उनसे पूछा गया कि तेल की बढ़ती कीमतों पर सरकार लगाम कब लगाएगी? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ”कब होगा… इसके बारे में मैं कह नहीं सकती। अभी इस पर कुछ भी कहना धर्म संकट की तरह है।” इससे पहले केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था, ”तेल उत्पादक देशों ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान उत्पादन बंद कर दिया या इसे कम कर दिया। मांग और आपूर्ति में इस असंतुलन के कारण ईंधन की कीमतों पर दबाव देखा गया।”

ईंधन की कीमतों को लेकर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था, अंतर्राष्ट्रीय कीमत तो पैमाना है ही पर ऐसा नहीं है कि सारे टैक्स और ड्यूटी केंद्र सरकार की ओर से वसूला जाता है। इसमें राज्य सरकार भी वसूलती है। सबको विकास और अन्य योजनाएं चलानी हैं और इसका पैसा इधर से भी आता है और सालों से सरकारें ऐसा करती रही हैं। लेकिन ये कीमत बाजार ही तय करता है।”

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