निजीकरण का विरोध कर रहे हड़ताली कर्मचारियों की नहीं सुन रही केंद्र सरकार: कांग्रेस
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार मंगलवार को हमला बोलते हुए कांग्रेस ने कहा है कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का निजीकरण करने में लगी है जिससे नाराज होकर बैंक, इश्योरेंस कंपनियों और अन्य संगठनों के कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी समस्या को सुनने के लिए तैयार नहीं है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को यहां संसदभवन के बाहर मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि नौ बैंकों की यूनियन्स एक होकर दो दिन से पूरे देश में हड़ताल पर है। बैंकों के 13 लाख कर्मचारी दो दिन से पूरी तरह हड़ताल पर है और अब 17 मार्च को जनरल इंशोरेंस कंपनी और 18 मार्च को एलआईसी के कर्मचारी निजीकरण के खिलाफ हड़ताल करने वाले हैं।
खरगे ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में विभिन्न संगठनों के कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं लेकिन सरकार इनके बारे में कुछ भी नहीं सोच रही है और उनकी समस्या को सुलझाने के लिए वो तैयार नहीं है। सरकार का कोई प्रतिनिधि हड़ताल कर रहे कर्मचारियों से बातचीत करने को आगे नहीं आ रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की संख्या घटा रही है जिससे बेरोजगारी बढ़ रही है। रेलवे जैसे संगठन में कर्मचारियों की संख्या हर साल कम हो रही है लेकिन खाली पदों पर भर्ती नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्र में नौकरियां किस तरह से घट रही हैं इसका उदाहरण रेलवे है जहां 1991 में कर्मचारियों की संख्या 18 लाख थी लेकिन 2003-04 में यह संख्या 14 लाख 75 हजार रह गयी थी। इसमें और कमी आयी है और हाज रेलवे के पास महज 12 लाख 54 हजार कर्मचारी हैं।