Bhopal: ग्वालियर व जबलपुर स्थित छह ठिकानों पर ईडी का छापा

Bhopal: लोकायुक्त और आयकर विभाग के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके करीबियों से जुड़े भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर स्थित छह ठिकानों पर छापा मारा है। ईडी की अलग-अलग टीमों ने शुक्रवार सुबह एक साथ तीनों शहरों में दबिश देकर सर्चिंग शुरू की। इस दौरान कई अहम दस्तावेज बरामद होने की जानकारी सामने आई है। फिलहाल ईडी की कार्रवाई जारी है।

दरअसल, लोकायुक्त पुलिस केे आय से अधिक संपत्ति के मामले में दर्ज एफआईआर के आधार पर ईडी ने भी तीन दिन पहले सौरभ के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया था। ईडी की टीम शुक्रवार सुबह करीब 5 बजे भोपाल में अरेरा कॉलोनी ई-7 स्थित मकान नंबर 78 और 657 समेत 1100 क्वार्टर स्थित जयपुरिया स्कूल के दफ्तर पहुंची और सर्च अभियान चलाया। ईडी के अधिकारी दीवारों और फर्श की मेटल डिटेक्टर और अन्य आधुनिक उपकरणों के साथ जांच कर रहे हैं। अधिकारी सौरभ शर्मा की संपत्ति के दस्तावेजों का परीक्षण कर रहे हैं।

इसके साथ ग्वालियर के बहोड़ापुर स्थित सौरभ शर्मा की कोठी पर सुबह 5 बजे ही पुलिस फोर्स के साथ ईडी ने दबिश दी। फिलहाल, घर के बाहर पुलिस बल तैनात है और अंदर ईडी के अधिकारी सर्चिंग कर रहे हैं। हालांकि, ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह का कहना है कि यह कार्रवाई किसकी है, यह अभी उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। किसी भी जांच एजेंसी ने ग्वालियर पुलिस से संपर्क नहीं किया है। पड़ोस में रहने वाले रिटायर्ड डीएसपी मुनीष राजौरिया ने बताया कि यह डॉ. राकेश शर्मा का घर है। उनके दो लड़के सचिन और सौरभ शर्मा हैं। सचिन छत्तीसगढ़ में नौकरी करता है। सौरभ भोपाल में ही रहता था। यहां उसका बहुत कम आना-जाना होता है।

इसी तरह ईडी की एक टीम ने जबलपुर के शास्त्री नगर में रोहित तिवारी के घर पर छापामारा है। बताया जा रहा है कि टीम सुबह पांच उनके घर पहुंची। रोहित तिवारी जबलपुर में बिल्डर का काम करते हैं। उनकी पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत से नजदीकी है। हालांकि, ईडी के छापे और कार्रवाई के संबंध में कोई पुष्टि अभी नहीं है। जबलपुर में जांच दल सुबह प्रेस लिखी कार से रोहित तिवारी के घर पहुंचा था। जबलपुर में सौरभ शर्मा का ससुराल है।

सूत्रों के मुताबिक, ईडी के अधिकारी रोहित के परिवार के सदस्यों से पूछताछ कर रहे हैं। सौरभ ने अपनी पत्नी दिव्या के भाई शुभम तिवारी के नाम से करोड़ों का निवेश किया है। तिवारी की जबलपुर के गढ़ा और भेड़ाघाट क्षेत्र में निर्माणाधीन कॉलोनियां हैं। कुछ प्रभावशाली लोगों के साथ भी वह काम में साझेदार है। सौरभ शर्मा ने बिल्डर तिवारी की कंपनी ओमेगा रियलकॉन प्राइवेट लिमिटेड में बड़ी रकम निवेश करने की चर्चाएं हैं। इसके अलावा दोस्त चेतन सिंह गौर और बहनोई रोहित तिवारी के नाम भी निवेश का पता चला है। ईडी की टीम इसकी पड़ताल में जुटी है।

उल्लेखनीय है कि लोकायुक्त पुलिस ने 19 दिसंबर को आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के घर और दफ्तर पर छापा मारा था। इस दौरान लोकायुक्त को यहां से 2.95 करोड़ रुपये कैश, करीब दो क्विंटल वजनी चांदी की सिल्लियां, सोने-चांदी के जेवरात और कई प्रापर्टी के दस्तावेज मिले थे। इसके अलावा बीती गुरुवार की रात को ही भोपाल के मेंडोरी के जंगल में एक कार से 54 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये नगद मिले थे। यह कार सौरभ के दौस्त चेतन सिंह की थी, जिसके बाद से जब्त सोना और नगदी के तार सौरभ से जोड़े जा रहे हैं।

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इसी बीच अवैध कमाई से करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित करने के आरोपित मध्य प्रदेश परिवहन विभाग में आरक्षक रहे सौरभ शर्मा का अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र भोपाल जिला काेर्ट ने गुरुवार को अस्वीकार कर दिया था। सौरभ ने अपने वकील राकेश पाराशर के जरिए याचिका फाइल की थी। पाराशर ने काेर्ट में दलील दी कि आरोपित लोकसेवक नहीं है, उसे अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाए। न्यायाधीश (लोकायुक्त) राम प्रसाद मिश्र ने आवेदन पर सुनवाई की। न्यायालय ने माना कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए अन्वेषण में आरोपित से पूछताछ की आवश्यकता है। आरोपित की अनुपलब्धता के तथ्य को ध्यान में रखते हुए उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता। इसी आधार पर उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी।

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