UP News: मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने समीक्षा बैठक में योजनाओं के पारदर्शी और समयबद्ध क्रियान्वयन के दिये सख्त निर्देश

UP News: प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तीकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पारदर्शी, समयबद्ध एवं प्रभावी तरीके से पहुँचाया जाए। उन्होंने कहा कि योजनाओं में आधुनिक तकनीकी एवं सामाजिक परिवर्तनों के अनुरूप नवाचार जोड़े जाएं, जिससे वंचित वर्ग, विशेषकर दिव्यांगजन एवं सामाजिक रूप से पिछड़े नागरिक, आत्मनिर्भर बन सकें और समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें।

मंत्री कश्यप ने यह निर्देश मंगलवार को सचिवालय स्थित कक्ष संख्या-80 में आयोजित दिव्यांगजन सशक्तीकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभागों की विस्तृत समीक्षा बैठक के दौरान दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि योजनाओं में किसी भी प्रकार की शिथिलता अथवा लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जाएगी ताकि राज्य सरकार द्वारा आवंटित बजट का समुचित और शत-प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।

मंत्री ने कहा कि योजनाओं की व्यापकता बढ़ाने हेतु बजट की मांग पात्र लाभार्थियों की संख्या के आधार पर की जाए। दिव्यांगजन सशक्तीकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभागों में रिक्त पदों की पूर्ति के लिए भेजे गए अधियाचन पत्रों का नियमित फॉलोअप सुनिश्चित किया जाए ताकि समय से भर्तियां पूरी हों। उन्होंने विभागीय संवाद, नवाचारों को साझा करने एवं क्रियान्वयन की गुणवत्ता बढ़ाने हेतु कर्मचारियों की कार्यशालाएं आयोजित करने के निर्देश दिए।

छात्रवृत्ति योजना की समीक्षा के दौरान मंत्री कश्यप ने कहा कि कोई भी पात्र छात्र इस योजना से वंचित न रहे, इसके लिए विभाग व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार अभियान चलाए। उन्होंने छात्रवृत्ति वितरण प्रक्रिया को पूर्णतया समयबद्ध एवं पारदर्शी बनाने के निर्देश दिए।

कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना के संबंध में उन्होंने कहा कि युवाओं को पारंपरिक कंप्यूटर प्रशिक्षण के साथ-साथ एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता), ड्रोन तकनीक, साइबर सुरक्षा जैसे आधुनिक, रोजगारोन्मुख कोर्सों में भी प्रशिक्षित किया जाए। इस हेतु विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर बजट अनुमोदन की प्रक्रिया प्रारम्भ की जाए।

मंत्री कश्यप ने योजनाओं के लाभार्थियों के भौतिक सत्यापन को अनिवार्य बताते हुए कहा कि इससे योजनाओं में पारदर्शिता बनी रहेगी और वास्तविक पात्र व्यक्ति ही लाभान्वित होंगे। निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि जो कार्य पूर्ण होकर हैंडओवर की स्थिति में हैं, उनकी त्वरित अग्रेतर कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए संचालन प्रारंभ कराया जाए।

दिव्यांग पेंशन योजना को प्राथमिकता देते हुए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रदेश के सभी पात्र दिव्यांगजनों को 100 प्रतिशत पेंशन का लाभ दिलाया जाए। सहायक उपकरण, मोटरराईज्ड साइकिल जैसी योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक दिव्यांगजनों तक पहुंचे, इस दिशा में सक्रिय प्रयास किए जाएं। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

दिव्यांगजनों के लिए संचालित विद्यालयों में आउटसोर्सिंग के माध्यम से रिक्त पदों की समयबद्ध पूर्ति के निर्देश देते हुए मंत्री कश्यप ने कहा कि इससे शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों की समस्याओं के निस्तारण हेतु चलित न्यायालय (मोबाइल कोर्ट) की व्यवस्था को प्रत्येक माह कम से कम 5 बार अनिवार्य रूप से आयोजित किया जाए, ताकि उन्हें त्वरित न्याय एवं सहायता मिल सके।

जगतगुरू रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय, चित्रकूट की समीक्षा करते हुए मंत्री ने निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय में छात्रों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो। इस पर अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष 2100 सीटों की बढ़ोत्तरी की जा रही है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग विद्यार्थियों के अध्ययन एवं आवास की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और शैक्षणिक कैलेण्डर तैयार कर उसी अनुरूप पाठ्यक्रम, परीक्षाएं एवं गतिविधियां संचालित की जाएं। विश्वविद्यालय में भर्ती प्रक्रिया को समयबद्ध ढंग से पूर्ण किया जाए।

डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ की समीक्षा करते हुए मंत्री ने परीक्षाओं के समयबद्ध आयोजन और परिणामों की त्वरित घोषणा पर विशेष बल दिया। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि विश्वविद्यालय में 27 अप्रैल से 17 मई तक परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी तथा 30 मई तक परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। वर्तमान में विश्वविद्यालय में कुल 1623 दिव्यांग छात्र अध्ययनरत हैं। मंत्री ने कहा कि अधिक से अधिक दिव्यांगजनों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जाए और उन्हें विश्वविद्यालय में प्रवेश दिलाने हेतु विशेष अभियान चलाया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि विश्वविद्यालय परिसर की भूमि पर किसी प्रकार का अतिक्रमण न होने पाए, इसके लिए सतर्कता बरती जाए। छात्रावासों के प्रबंधन और खानपान की गुणवत्ता बनाए रखने हेतु नियमित निगरानी की व्यवस्था हो।

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मंत्री कश्यप ने अंत में कहा कि विभागीय योजनाएं तभी सफल मानी जाएंगी जब उनका लाभ समय पर, पात्र व्यक्ति को और पारदर्शी तरीके से मिले। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि विभागीय कार्यों को जनसेवा का माध्यम मानकर योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु संवेदनशीलता, नवाचार और समर्पण के साथ कार्य करें।

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