गडकरी ने केंद्र को दी वैक्सीन बढ़ाने की सलाह, कांग्रेस ने मोदी सरकार पर कसा तंज, कहा- आपके बॉस सुन रहे या नहीं?
नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच विपक्षी दल लगातार वैक्सीन की कमी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते रहे हैं। वैक्सीन उत्पादकों ने भी साफ कर दिया है कि पूरे देश के लिए तुरंत एक साथ टीके मुहैया कराना संभव नहीं है। इस बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मोदी सरकार को वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए सलाह दी है। गडकरी ने कहा कि कोरोना रोधी टीके का उत्पादन बढ़ाने के लिये कुछ और दवा कंपनियों को इसके उत्पादन की मंजूरी दी जानी चाहिए। हालांकि, इस पर कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा है कि कभी यही सलाह मनमोहन सिंह ने दी थी, लेकिन क्या उनके बॉस सुन रहे हैं।
क्या बोले थे नितिन गडकरी?: विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस बारे में आग्रह करेंगे कि देश में जीवन रक्षक दवाओं का उत्पादन बढ़ाने के लिये और दवा कंपनियों को मंजूरी देने के लिये कानून बनाया जाना चाहिये।
गडकरी ने कहा, “इसमें दवा के पेटेंट धारक को अन्य दवा कंपनियों द्वारा 10 प्रतिशत रॉयल्टी देने की व्यवस्था की जानी चाहिये। एक कंपनी के बजाय 10 और कंपनियों को टीके का उत्पादन करने में लगाया जाना चाहिए। इसके लिये टीके के मूल पेंटेंट धारक कंपनी को दूसरी कंपनियों द्वारा दस प्रतिशत रॉयल्टी का भुगतान किया जाना चाहिए। इससे वैक्सीन निर्माण 15-20 दिनों में शुरू हो सकता है। उन्होंने बताया- “मैंने विश्व स्वास्थ्य संगठन को इस बारे में बताया है। मैं पीएम मोदी को भी इस बारे में बताउंगा।”
क्या बोले कांग्रेस नेता?: नितिन गडकरी की इस सलाह पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि 18 अप्रैल को डॉक्टर मनमोहन सिंह ने भी यही सलाह दी थी, लेकिन क्या उनके (गडकरी) बॉस सुन रहे हैं? गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब रमेश ने सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम को लेकर निशाना साधा है। पिछले हफ्ते ही उन्होंने सरकार की वैक्सीन पॉलिसी को ‘अन्यायी’ बताया था। उन्होंने ट्वीट कर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और वैक्सीन की कीमतों पर सवालिया निशान लगाए थे।
पहले भी सरकार पर निशाना साध चुके हैं रमेश?: कांग्रेस नेता ने तब ट्विटर पर कहा था, “मोदी की टीकाकरण नीति, खासतौर से 18 से 44 आयुवर्ग के लिए कोई वास्तव में कोई नीति नहीं है। बल्कि सबसे बुरा यह है कि यह सबसे ज्यादा अन्यायी है।” कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने इस दौरान तीन कारण गिनाए हैं।” उन्होंने कहा, “वैक्सीन की बड़े पैमाने पर कमी, कोविन बुकिंग को अनिवार्य करने के चलते बड़ी संख्या में लोग छूट गए हैं।’ उन्होंने कहा, “सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को दिए गए हलफनामे के मुताबिक, केंद्र को आवंटित की गईं 50 प्रतिशत वैक्सीन निजी अस्पतालों के लिए हैं।”