कार्यस्थलों पर कर्मचारियों के परिवार को भी लगेगी वैक्सीन, केंद्र ने दी अनुमति
नई दिल्ली। देश में जानलेवा कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर जारी है. इस बीच टीकाकरण को लेकर केंद्र ने बड़ा फैसला किया है. केंद्र सरकार ने औद्योगिक और कार्यस्थलों पर कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों का टीकाकरण करने की अनुमति दे दी है. केंद्र के इस फैसले से अब टीकाकरण अभियान में और तेजी आएगी.
निजी अस्पतालों को खरीदनी होगी खुराक
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा कि औद्योगिक और निजी कार्यस्थल सीवीसी (कोरोना वायरस टीकाकरण केंद्र) के लिए टीके की खुराक उन निजी अस्पतालों को खरीदनी होगी, जिनके साथ संबंधित नियोक्ता जुड़ा हुआ है. मंत्रालय ने पत्र में कहा, ‘‘श्रमिकों के परिवार के उन सदस्यों और आश्रितों को भी औद्योगिक सीवीसी और कार्यस्थल सीवीसी में कोरोना वायरस टीकाकरण में शामिल किया जा सकता है, जिन्हें संबंधित नियोक्ताओं द्वारा उल्लेखित किया गया हो.’’
इसमें कहा गया है कि सरकारी कार्यस्थल सीवीसी के लिए 45 साल या उससे ज्यादा उम्र के लाभार्थियों को केंद्र की तरफ से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आपूर्ति की जाने वाली मुफ्त टीके की खुराक के माध्यम से शामिल किया जा सकता है. मंत्रालय ने कहा कि हालांकि, 18 से 44 साल आयुवर्ग के लाभार्थियों को टीके निर्माताओं से संबंधित राज्य या केंद्रशासित प्रदेश सरकारों द्वारा सीधे खरीदे गए टीके की खुराक के माध्यम से शामिल किया जा सकता है.
कांग्रेस ने टीकाकरण की ‘धीमी गति’ को लेकर सरकार पर साधा निशाना
वहीं, कांग्रेस ने देश में कोरोना रोधी टीकाकरण की कथित धीमी गति होने को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि अगर लोगों को तेजी से टीका नहीं लगाया गया तो महामारी की तीसरी लहर को रोक पाना संभव नहीं होगा. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘टीका नहीं है. सबसे निचले स्तर पर जीडीपी है. कोविड से सबसे अधिक मौतें हो रही हैं. भारत सरकार का इस पर जवाब क्या है? प्रधानमंत्री रो देते हैं.’’
उधर पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को टीकाकरण की धीमी गति के नतीजों को लेकर आगाह किया है. उन्होंने ट्वीट के माध्यम से यह दावा किया कि अगर टीकाकरण की गति तेज नहीं की गई तो महामारी की तीसरी लहर को रोक पाना संभव नहीं होगा.