कोरोना के चलते अब तक सबसे कातिल साबित हुई मई माह, नए केस और मौत के मामलों में दुनिया में सबसे आगे भारत
नई दिल्ली। देश में कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक मई का महीना सबसे खतरनाक साबित हुआ है. नए मामलों और मौत दोनों मामलों में मई ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए. राहत की बात यह है कि मई महीने के आखिरी दिन नए केस घटकर 1.3 लाख पर आ गए जो कि पिछले 54 दिनों में सबसे कम है. इससे पहले 9 अप्रैल को 1.5 लाख नए कोरोना के मरीज दर्ज किए गए थे.
वहीं मौत की बात करें तो सोमवार को इसकी संख्या भी घटकर 2500 के नीचे पहुंच गए जो कि 22 अप्रैल के बाद सबसे कम है. वहीं मई महीने की बात करें तो सिर्फ इस एक महीने में कोरोना के 90.3 लाख नए केस दर्ज किए गए. मई के आखिर के कुछ दिनों में राहत जरूर मिली लेकिन फिर भी अप्रैल के मुकाबले यह 30% ज्यादा है. अप्रैल के महीने में कुल 69.4 लाख नए केस सामने आए थे.
मौत के आंकड़ों की बात करें तो मई का महीना भारत के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा. मई महीने में कोरोना से करीब एक लाख बीस हजार लोगों क मौत हुई जो अप्रैल के मुकाबले ढाई गुना ज्यादा है. अप्रैल में कोरोना से सिर्फ 48,768 जानें ही गयीं थीं. इसके साथ ही अगर एक्सपर्ट्स की मानें तो मौत का यह आंकड़ा ज्यादा भी हो सकता है. कई शहरों में श्मशान और कब्रिस्तान में कोविड प्रोटोकॉल के तहत हुए अंतिम संस्कारों और मौत के सरकारी आंकड़े में काफी अंतर देखने को मिला.
दुनिया में कोरोना के सबसे बुरे महीने की बात करें तो इस मई से पहले अमेरिका के लिए दिसंबर का महीना सबसे खतरनाक साबित हुआ था. दिसंबर महीने में अमेरिका में कुल 65.3 लाख कोरोना के केस सामने आए थे. भारत के लिए अच्छी खबर यह है कि प्रति दस लाख की आबादी पर कोरोना केस के मामले में अमेरिका आगे रहा. भारत में जहां प्रति दस लाख की आबादी पर 20,144 केस थे तो वहीं अमेरिका में प्रति दस लाख की आबादी पर 102,302 केस थे.
मौत के आंकड़ों से हिसाब के अमेरिका के लिए सबसे खतरनाक महीन इस साल की जनवरी रही. इस साल जनवरी में अमेरिका में कोरोना ने 99,680 लोगों की जान ले ली. वहीं दिसंबर महीने में भी अमेरिका में 83,849 लोगों की जान चली गयी थी. वहीं मौत के मामले में चौथा सबसे बुरा महीना इस साल का अप्रैल ब्राजील के लिए साबित हुआ. इस साल अप्रैल में ब्राजील में कोरोना चलते 82,401 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी.