नागौर की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा को झटका, जमीन विवाद दायर FIR हाईकोर्ट में निरस्त

जोधपुर। नागौर की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा के द्वारा अपने चाचा व अन्य पर जमीन हड़पने के मामले में जोधपुर में दर्ज एफ आई आर को राजस्थान हाईकोर्ट को निरस्त कर दिया है। भू विवाद पर नागौर की पूर्व सांसद और कांग्रेस नेत्री ज्योति मिर्धा ने अपने चाचा भानु प्रताप मिर्धा पूर्व मंत्री उषा पूनिया और विजय पूनिया की बेटियों सहित अन्य पर मामला दर्ज करवाया था। राजस्थान हाई कोर्ट के न्यायाधीश पंकज भंडारी ने विविध आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए इस एफ आई आर को निरस्त कर दिया है।

याचिकाकर्ता अनिल चौधरी व अन्य की ओर से दर्ज याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश जोशी ने पक्ष रखते हुए बताया कि संपत्ति का विवाद पारिवारिक था इसको लेकर ज्योति मिर्धा ने अपने ही रिश्तेदारों के खिलाफ जमीन विवाद में चौपासनी हाउसिंग बोर्ड जोधपुर थाने में एक मामला दर्ज करवाया था। मामले में ज्योति मिर्धा का अपने रिश्तेदारों पर छल पूर्वक जमीन हड़पने की बात कही गई थी, जबकि परिवार के अन्य सदस्यों के अनुसार संपत्ति को लेकर पूर्व में ही बटवारा हो चुका था ।ऐसे में शिकायतकर्ता द्वारा झूठी एफ आई आर दर्ज कराई गई थी। इस दलील को मद्देनजर रखते हुए एफआईआर को निरस्त करने की मांग की गई थी। न्यायाधीश पंकज भंडारी ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद ज्योति मिर्धा की ओर से जोधपुर के हाउसिंग बोर्ड थाना में दर्ज एफआईआर को निरस्त करने के आदेश दिए हैं।

इससे पहले ज्योति मिर्धा की ओर से अपने ही रिश्तेदारों के खिलाफ चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में 5 अगस्त 2021 को एक एफ आई आर दर्ज करवाई गई थी,जिसके बाद में इस मामले का खुलासा हुआ था। मामले में चाचा भानु प्रताप मिर्धा और विजय पूनिया की ओर से जोधपुर में पत्रकार वार्ता कर इस संबंध में संपूर्ण दस्तावेज प्रस्तुत कर मामले के झूठा होने और लोग लालच पूर्वक परिवार को जबरदस्ती कोर्ट में घसीटने का आरोप लगाया गया था। इसके बाद दर्ज मामले को लेकर अदालत में वाद दायर किया गया जिसके तहत अब एफ आई आर निरस्त हुई है। मामला जोधपुर के चौपासनी क्षेत्र में स्थित भूमि से जुड़ा हुआ है।

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