Motiganj- बैंक आफ बड़ौदा के कर्मचारियों की मनमानी , ग्राहकों से कर रहे अभद्रता
Motiganj- बीकापुर बैंक आफ बड़ौदा मोतीगंज के कर्मचारियों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही हैं। आए दिन बैंक कर्मचारी ग्राहकों के साथ उलझते देखे जा सकते हैं।ग्रहको से बत्तमीजी के लहजे मे बात करना आदत सी बन गयी है
हम बात कर रहे हैं जनपद अयोध्या के तहसील बीकापुर अंतर्गत मोतीगंज बैक आफ बडौदा की जहा पर बैक के कर्मचारियों के द्वारा आये दिन बैक ग्रहक से उलझते नजर आ रहे हैं यदि कोई ग्राहक किसी चीज की जानकारी लेना चाहे तो पहले उसके साथ बत्तमीजी से बात किया जाता है यदि कोई कस्टूमर अपना एकाउंट खोलवाना चाहे तो कम से कम 15 दिन तक बैक का चक्कर लगाता है कारण है की बैक से फार्म दे दिया जाता है लेकिन कैसे भरना है उसे बैक कर्मचारी से नही पूछ सकता यदि पूंछ लिया तो गुस्सा सातवे आसमान पर चढ जाता है यहां तक बोल दिया जाता की मै तुम्हारा नौकर हू जो हर चीज की जानकारी देता रहू जाओ कल परसो मे आना अगर अपने एकाउंट मे मोबाइल नम्बर लगवाना है तो कम से कम दस दिन दौडाया जाता तब जाकर नम्बर लगाया जाता है यदि किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड बनवाना है तो महीनो दौडाया जाता है यह अंडियल रवैया एकाउंट अमित कुमार की है फील्ड आफिसर दिपांशु यादव की रवैया कस्टूमर के प्रति ठीक है लेकिन बैक मैनेजर चिरिंजीव की भी कार्यशैली भी बैक कस्टूमर के प्रति ठीक नही है बैक कर्मचारी की सिकायत करने पर बोलते है की काम तो वही करेगे मै इसमे क्या कर सकता हूं जाओ कल आना फिर देखता हू
जिसके चलते बैक उपभोक्ता आये दिन प्रभावित हो रहे हैं आज बैक आफ बड़ौदा मोतीगंज की कार्यशैली शनी देओल की फिल्म दिमिनी के डायलॉग की तरह हो गयी है जिसमे तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख,मिलती है और कार्य सही समय पर नही होता है उपभोक्ता इस भीषण गर्मी मे बैक का चक्कर पर चक्कर लगा रहे हैं परेशान उपभोक्ता का नाम सहित भी खबर लिखी जा सकती थी लेकिन उपभोक्ता को डर है के मेरा आने से बैक कर्मचारी मेरा काम नही करेगे
बैंक कर्मचारी ग्राहकों को अवांछित व्यक्ति समझते हैं। इस संदर्भ में अब तो बैंकों में बड़े-बड़े शब्दों में नोटिस बोर्ड चस्पा कर दी गई है। जिसमें ग्राहकों को सतर्क करते हुए लिखा गया है कि बैंक कर्मचारियों से ना उलझे वरना आप के खिलाफ संगत धाराओ में कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
महात्मा गांधी की फोटो लगाने वाले बैंकों में उनके द्वारा कही गई बातों का मतलब नहीं समझते हैं या फिर समझने का प्रयास नहीं करना चाहते हैं। यही कारण है कि बैंक कर्मचारी ग्राहकों को अपने आराम में खलल डालना समझते हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि आपके परिसर में आने वाला व्यक्ति आप पर बोझ नहीं है। वह आपको काम का अवसर देखकर आपको अनुग्रहित कर रहा है।परंतु मन मुताबिक काम करने वाले कर्मचारी नियमों का पाठ पढ़ा कर ग्राहकों को भटकाया करते हैं।
यह रवैया बैक आफ बडौदा मोतीगंज शाखा मे चल रहा है।