Kolkata: चिन्मय कृष्ण के वकील रवींद्र घोष अस्पताल में भर्ती, दो जनवरी की सुनवाई पर अनिश्चितता

Kolkata: बांग्लादेश में जेल में बंद इस्कॉन के संन्यासी चिन्मय कृष्ण दास के वकील रवींद्र घोष को गंभीर स्वास्थ्य समस्या के चलते कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 88 वर्षीय रवींद्र घोष को मंगलवार रात सीने में तेज दर्द की शिकायत के बाद कार्डियोलॉजी विभाग में भर्ती किया गया। इससे दो जनवरी को चटगांव अदालत में होने वाली चिन्मय कृष्ण की जमानत याचिका की सुनवाई परअनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

रवींद्र घोष दो सप्ताह पहले इलाज के मकसद से भारत आए थे और बारासात स्थित अपने बेटे के घर पर ठहरे हुए थे। बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण का केस लड़ते हुए उन्हें शारीरिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा । उन्होंने आरोप लगाया था कि चटगांव अदालत में कुछ वकीलों ने उनके साथ आतंकवादी जैसा व्यवहार किया। इससे आहत होकर उन्होंने कोलकाता में इलाज कराने का निर्णय लिया।रवींद्र घोष के बीमार होने और अस्पताल में भर्ती होने के कारण यह स्पष्ट नहीं है कि वे दो जनवरी को चटगांव अदालत में चिन्मय कृष्ण की जमानत याचिका के लिए उपस्थित हो पाएंगे या नहीं। यह भी चर्चा है कि यदि वे बांग्लादेश लौटते हैं तो उन्हें अंतरिम सरकार की पुलिस गिरफ्तार कर सकती है। इसके पीछे मकसद चिन्मय कृष्ण को और अधिक समय तक जेल में रखना बताया जा रहा है।

ममता बनर्जी से मिलने की इच्छामंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने रवींद्र घोष से लंबी बातचीत की। कुणाल घोष ने बताया कि रवींद्र घोष पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने की इच्छा रखते हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री द्वारा इस मुद्दे पर किए गए प्रयासों से वे प्रभावित हैं और उन्हें धन्यवाद देना चाहते हैं। हालांकि, कुणाल घोष ने उन्हें समझाया कि इस मामले के समाधान के लिए केंद्र सरकार को ही कदम उठाना होगा।

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जान से मारने की धमकीरवींद्र घोष को चिन्मय कृष्ण के केस में पैरवी करने के कारण बांग्लादेश में जान से मारने की धमकियां मिली हैं। इस बीच, यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या वे बांग्लादेश लौटने के बाद मुकदमे की पैरवी जारी रख पाएंगे। रवींद्र घोष की मौजूदा हालत और इस मामले में उठे सवालों के बीच चिन्मय कृष्ण की रिहाई की संभावनाएं धुंधली दिखाई दे रही हैं।

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