काम की खबर: होम लोन लेते समय इन 4 बातों का रखें ध्यान, रहेंगे फायदे में
- होम लोन पर बचाएं टैक्सः ख़ुद की प्रॉपर्टी ख़रीदने के लिए होम लोन पर दिया गया 2 लाख तक का ब्याज टैक्स फ्री रहेगा. यदि पति-पत्नी दोनों वर्किंग हैं, तो दोनों के नाम पर लोन होने से दोनों को टैक्स बेनिफिट मिलेगा. तो किराया देने से बेहतर है कि खुद का घर खरीदें और ईएमआई चुकाने पर टैक्स बचाएं. होम लोन के लिए अदा किए गए ब्याज़ पर सालाना 2 लाख रुपये तक की टैक्स छूट है.
इस वक्त बैंकों की होम लोन दरें हाल के वर्षों के न्यूनतम स्तर पर चल रही हैं. ज्यादातर बैंकों के होम लोन की ब्याज दरें 6 से 7 फीसदी के बीच है. इसलिए होम लोन लेने का यही सही वक्त हो सकता है. होम लोन लेने से पहले 4 चीजों का जरूर ध्यान रखना चाहिए.
1.सालाना आय के 5 गुने से ज्यादा न हो होम लोन
होम लोन लेने के वक्त एक जरूरी बात जरूर ध्यान रखना चाहिए. आपका होम लोन आपकी सालाना आय के पांच गुना से ज्यादा नहीं होना चाहिए. अगर आप लोन को अपनी आय के पांच गुना तक सीमित रखते हैं तो आपको ईएमआई चुकाने में ज्यादा आसानी होगी. आप घर का बजट अच्छे तरीके से संभाल सकेंगे.
- 35/50 का नियम
लोन के लिए अप्लाई करने के वक्त आपसे आपकी मौजूदा लाइबिलिटी मसलन पर्सनल लोन या कार लोन की ईएमआई के बारे में पूछता है. बैंक आपको इतने अमाउंट का लोन कभी नहीं देगा, जिसकी ईएमआई आपकी टेक होम सैलरी का 45 से 50 फीसदी हो. इसलिए बेहतर हो आप उतना हो लोन लें कि ईएमआई आपकी मासिक आय के 35 फीसदी से ज्यादा न हो. कुल ईएमआई – यानी कार और होम लोन की ईएमआई 50 फीसदी से ज्यादा न हो. अगर आपके पास और कोई लोन न हो तो आपको ऐसा लोन मिल सकता है, जिसकी ईएमआई आपकी आय की 50 फीसदी तक जा सकती है.
3.लोन चुकाने की अवधि छोटी रखें
लॉन्ग लोन ड्यूरेशन की वजह से ईएमआई कम पड़ सकती है. लेकिन ब्याज का बोझ बढ़ता जाता है. अगर आप अपना लोन पीरियड लंबा रखना चाहते है तो ब्याज का कुल बोझ ज्यादा पड़ेगा. इसलिए ब्याज का बोझ कम रखने के लिए लोन ड्यूरेशन छोटा रखें.
- क्रेडिट स्कोर
अच्छा क्रेडिट स्कोर आपको सस्ता होम दिलाने में मदद करता है. अगर आपका क्रेडिट प्रोफाइल अच्छा है तो बैंक से अच्छा लोन डील हो सकता है.. 750 से ऊपर का क्रेडिट स्कोर अच्छा क्रेडिट स्कोर माना जाता है. ज्यादातर बैंक या लोन देने वाली एनबीएफसी इसे तवज्जो देते हैं.