शिवसेना बनाम बीजेपी: जमानत मिलने के बाद देर रात मुंबई पहुंचे केंद्रीय मंत्री नारायण राणे, समर्थकों ने मनाया जश्न

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को मंगलवार रात निचली अदालत ने जमानत दे दी. राणे को रायगड कोर्ट ने बेल पर रिहा किया तो बीजेपी भी मौके पर चौका मारने से नहीं चूकी. आधी रात को मुंबई पहुंचे राणे का स्वागत पूरे शान-ओ-शौकत से किया गया. कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्न मनाया. राणे के नाम पर ही सही लेकिन बीजेपी और शिवसेना में अदावत की नई लकीर खिंच गई है.

इसी सियासी शोर की छाप सामना में दिखी, जहां उन्हें छेदवाला गुब्बारा बता दिया गया. इससे पहले शिवसैनिकों ने उन्हें मुर्गी चोर तक कह दिया क्योंकि करीब पांच दशक पहले चेंबूर में राणे ‘पॉल्ट्री’ की दुकान चलाते थे. बीजेपी और शिवसेना के बीच शुरू हुई जंग अब जल्दी शांत नहीं होगी और इसका अंदाजा मंगलवार को तब लग गया जब मंगलवार दोपहर राणे की गिरफ्तारी का जश्न शिवसेना मना रही थी तो देर रात रिहाई की खुशियों में बीजेपी डूबी हुई थी.

राणे ने ठाकरे को लेकर क्या कहा था?

नारायण राणे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम उद्धव ठाकरे को थप्पड़ मारने की बात कही थी. उन्होंने कहा, ”उस दिन (स्वतंत्रता दिवस) बाजू में खड़े सेक्रेटरी से वो (उद्धव ठाकरे) पूछते हैं कि देश को स्वतंत्र हुए कितने साल हुए। मैं होता तो उन्हें कान के नीचे थप्पड़ मार देता। ये क्या…तुम्हें तुम्हारे देश को स्वतंत्र हुए कितने साल हुए हैं इसकी जानकारी नहीं.”

दरअसल 15 अगस्त के मौके पर सीएम उद्धव ठाकरे बोलते-बोलते ये भूल गए थे कि देश आजादी की हीरक जयंती मना रहा है या अमृत महोत्सव. बस उद्धव की इसी बात को लेकर राणे ने तंज कसा तो अदावत की आग भड़क उठी. पुणे से लेकर मुंबई और मुंबई से लेकर औरंगाबाद तक शिवसैनिक सड़कों पर झंडे-बैनर लेकर उतर आए. कहीं दोनों दलों के कार्यकर्ता भिड़ तो कहीं बीजेपी समर्थकों की पुलिस से नोकं-झोंक हो गई.

मामला, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से जुड़ा था इसलिए पुलिस ने भी तेजी दिखाई, केस दर्ज हुआ और मंगलवार शाम राणे को गिरफ्तार कर लिया गया. राणे को भले ही जमानत मिल गई है लेकिन शिवसेना अब लड़ाई को महाराष्ट्र से बाहर दिल्ली खींच लाई है. शिवसेना विनायक राउत ने कहा, ”मैंने प्रधानमंत्री को ख़त लिखा कर उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने की माँग की है, मुझे प्रधानमंत्री कार्यालय से फ़ोन आया कि आप गृह मंत्री अमित शाह से मुलाक़ात कर लें.” राणे का मुद्दा शिवसेना-बीजेपी के बीच नाक की लड़ाई बन गया है और कोई भी दल पीछे हटने को तैयार नहीं. मतलब साफ है कि आने वाले कुछ और दिन तल्खी से भरे होंगे.

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