छत्तीसगढ़: रमन सिंह ने लिखा, धर्मांतरण नहीं रुका तो ईंट से ईंट बजा देंगे, कांग्रेस ने कहा…

रायपुर. छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मुद्दे पर सियासत तेज हो गई है. रायपुर की भरी बारिश में शनिवार को बीजेपी ने शांति मार्च निकाला था. ठीक अगले दिन पार्टी की ओर से बयानबाजी का सिलसिला तेज हो गया. शनिवार को शांत मार्च के दौरान पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह (Dr. Raman Singh) भीग गए थे. साथ में बृजमोहन अग्रवाल भी थे.

रमन सिंह अपने इस फोटो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला. रमन सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘भूपेश बघेल सरकार सुन लें! छत्तीसगढ़ में अगर धर्मांतरण बंद नहीं हुआ तो भारतीय जनता पार्टी ईंट से ईंट बजा देगी. सरकारी संरक्षण में जो धर्म परिवर्तन का खेल चल रहा है उसे रोकने भाजपा का कार्यकर्ता चाहे पानी गिरे या आग बरसे, डिगने या हटने वाला नहीं है’.

डॉ. रमन सिंह के इस ट्वीट पर अब कांग्रेस ने तंज कसा है. कांग्रेस ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से रमन सिंह के ट्वीट के जवाब दिया है. कांग्रेस ने अपने ट्वीट में लिखा’पहले व्यक्ति हैं रमन सिंह, जो भीगने के बाद छाते के नीचे आ जाते हैं.’ कांग्रेस ने हैशटैग नौटंकी फोटोशूट भी लिखा.

छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मुद्दे पर क्यों हो रही राजनीति?

छत्तीसगढ़ बीजेपी धर्मांतरण के मुद्दे को किसी हाल में छोड़ना नहीं चाह रही है और यही वजह है कि इसके राज्य सरकार को जिम्मेदार बताते हुए सियासी संग्राम छेड़े हुए है. बस्तर में हुए चिंतन शिविर के बाद भाजपा कुछ बदली-बदली सी नजर आ रही है. ऐसा नहीं है कि धर्मांतरण का मुद्दा प्रदेश में नया हो. यह राज्य गठन के बाद से ही लगातार सामने आ रहा है. इसका उदाहरण बीजेपी के दिवंगत नेता दिलिप सिंह जूदेव द्वारा चलाए गए मिशन घर वापसी अभियान को कहा जा सकता है. लेकिन मूजौदा स्थिति में छत्तीसगढ़ भाजपा धर्मांतरण के मुद्दे को जिस गति से उठा रही है, वह बताने के लिए काफी है कि बीजेपी इसे छोड़ना नहीं चाहती है.

यही वजह है कि धर्मांतरण के नाम पर पहले बिलासपुर में बवाल हुआ. फिर प्रदेश की राजधानी रायपुर में, जिसे लेकर बीजेपी ने आठ सितंबर को रायपुर के पुरानी बस्ती थाना घेराव के लिए शक्ति प्रदर्शन किया. बतौर विपक्ष किसी मुद्दे को उठाना राजनीतिक दलों का धर्म माना गया है. मगर बीजेपी जिस गति से धर्मांतरण को भाजपा और एक धर्म विशेष से जोड़ रही है, यह बताने के लिए काफी है यह मुद्दा फिलहाल तो गर्म रहने ही वाला है.

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