खारुन नदी में सीवर गिरने से रोकने के लिए एसटीपी दिसंबर तक शुरू कराने की कवायद हुई तेज़

रायपुर । राजधानी रायपुर की जीवनदायिनी खारुन नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए नईदुनिया द्वारा शुरू की गई मुहिम को लोगों के साथ जनप्रतिनिधियों का भी समर्थन मिल रहा है। हर कोई इस मुहिम की सराहना कर रहा है। यही नहीं, महापौर एजाज ढेबर समेत निगम के जनप्रतिनिधियों ने रायपुर के निमोरा, कारा और चंदनडीह में पिछले तीन साल से निर्माणाधीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को इस साल के अंत तक शुरू कराने की कवायद तेज कर दी है।निगम के अधिकारियों ने भी जल्द से जल्द तीनों प्लांट को शुरू करने निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश ठेका एजेंसी मेसर्स एसएमएस लिमिटेड नागपुर, महाराष्ट्र को दिया है। फिलहाल भाठागांव में स्थापित ट्रीटमेंट प्लांट ही शुरू किया जा चुका है। यहां से छह एमएलडी दूषित जल को शुद्धिकरण कर खारुन में प्रवाहित किया जा रहा है।रायपुर नगर निगम क्षेत्र और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से सालों से 17 छोटे-बड़े नालों का 165 एमएलडी सीवेज सीधे खारुन नदी में जाता रहा है।

मिशन क्लीन खारुन के तहत निगम ने 261 करोड़ रुपये की लागत से चंदनडीह में 75 एमएलडी, कारा में 35 एमएलडी और निमोरा में 90 एमएलडी कुल दो सौ एमएलडी क्षमता का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने का काम तेजी से चल रहा है। एसबीआर टेक्नोलाजी पर आधारित निर्माणाधीन तीनों सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में 15 साल के संचालन और संधारण का काम भी होगा। प्लांट में छह इंटेक चेंबर बनाए गए हैं और 11.78 किलो मीटर लंबी आरसीसी पाइप के माध्यम से नालों का सीवेज तीनों सीवरेज प्लांट तक पहुंचाया जाएगा। यह योजना 226 वर्ग किमी क्षेत्रफल (केचमेंट क्षेत्र) तक फैला हुआ है। रायपुर नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि महापौर एजाज ढेबर ने हाल ही में तीनों ट्रीटमेंट प्लांट में चल रहे निर्माण कार्यों का अवलोकन कर जल्द से जल्द इसे शुरू करने के निर्देश दिए हैं, लिहाजा इस साल के अंत तक ट्रीटमेंट प्लांट शुरू करने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल निर्माणाधीन ट्रीटमेंट प्लांट का सिविल काम खत्म हो चुका है। अब केवल मशीन स्थापित करने का काम शेष रह गया है। मशीन स्थापित करने के बाद टेस्टिंग के बाद इसे शुरू कर दिया जाएगा।

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