Vinesh Phogat join politics: विनेश ने कुश्ती छोड़ राजनीति का थाम लिया दामन, फोगाट फैमिली भी उनसे खुश नहीं

Vinesh Phogat join politics: हरियाणा चुनाव की वोटिंग पूरी हो गई, नेताओं की किस्मत EVM में कैद हो गई। 8 अक्टूबर को नतीजे भी आ जायेंगे। कौन सरकार बनाएगा ये भी कन्फर्म हो जायेगा, पर चुनाव और राजनीति से हटकर एक पक्ष ऐसा भी है जिसकी चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है। शायद चुनाव ख़त्म होने के बाद ये चर्चा भी बंद हो जाये पर मेरा आप सब से बस इतना सवाल है कि क्या राजनीति के नाम पर देश के भविष्य से खिलवाड़ नहीं हो रहा ? जो युवा विश्व में आज भारत को रिप्रेजेंट करने की तैयारी में जुटा है क्या वो इन सब चीजों को देखकर सहम नहीं जायेगा ? खैर सब छोड़कर मुद्दे पर आते है…

विनेश को मलाल है कि उनके साथ जो पेरिस ओलम्पिक में हुआ उसमे IOC की चेयरपरसन नीता अम्बानी का स्टैंड उनको संजीवनी दे सकता था…मगर पॉलिटिक्स ने उन्हें बैकफुट पर ला दिया…सब को पता है कि काबिलियत के बावजूद सिर्फ वजन ने विनेश से ओलम्पिक मेडल छीन लिया…विनेश IOC की पैरवी का इन्तजार ही करती रह गई और मेडल उनसे दूर और बहुत दूर चला गया…यही वजह है कि उन्हें जब पॉलिटिक्स के लिए एप्रोच किया गया तो उन्होंने मौका हाथ से जाने नहीं दिया…

भारतीय कुश्ती की दुनिया में फोगाट परिवार का नाम हमेशा से जगमगाता रहा है. बेटियों को पहलवान बनाने का सपना देखने वाले महावीर सिंह फोगाट और उनकी बेटियों गीता-बबिता ने भारतीय कुश्ती को एक नई पहचान दी.मगर वो विनेश थीं, जिसने फोगाट परिवार के नाम का परचम वर्ल्डवाइड फहराया. ये कड़वी सच्चाई है कि विनेश ने लोकप्रियता के मामले में अपनी चचेरी बहनों को कही पीछे छोड़ दिया. शायद यह बात दंगल गर्ल के नाम से मशहूर फोगाट सिस्टर्स हजम नहीं कर पा रही हैं. इसीलिए वे आए दिन विनेश पर निशाना साधती रहती हैं. लेकिन इस बार उन्होंने जो समय चुना है वो विनेश की जिंदगी का एक निर्णायक मोड़ है. विनेश ने कुश्ती छोड़ राजनीति का दामन थाम लिया है और वह जुलाना से हरियाणा विधानसभा चुनाव में ताल ठोक रही हैं. परिवार में चल रहे विवादों के बीच महावीर फोगाट ने विनेश का हाथ हमेशा थामे रखा…मगर विनेश के द्रोणाचार्य को भी अब लगने लगा हैं कि विनेश अब हाथ झटक रही है…

फोगाट फैमली की बात करे तो बृजभूषण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में उतरी विनेश के साथ बजरंग पुनिया साए की तरह साथ रहे. बजरंग….फोगाट परिवार की ही तीसरी बेटी संगीता के पति हैं. टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले बजरंग पुनिया जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन में विनेश के साथ दिखे . वह तब भी विनेश के साथ थे जब उन्हें पेरिस ओलंपिक में डिस्क्वालिफाई कर दिया गया. तब विनेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक खुला पत्र साझा किया था, जिसमे उनके चाचा महावीर सिंह फोगट का नाम गायब था.मगर जब वह भारत लौटी तो उनके सम्म्मान में स्वागत कार्यक्रम रखा गया इस दरमियान महावीर फोगाट ने अपनी भतीजी को गले लगाया. विनेश ने भी अपने चाचा के पैर छूकर उन्हें पूरा सम्मान दिया.इन सब पर बोलते हुए दंगल गर्ल बबीता फोगाट ने पत्रकार सुशांत सिन्हा के पॉडकास्ट पर कहा, कि आपने देखा होगा जब शूटर मनु भाकर अपने ओलंपिक पदक के साथ घर लौटीं, तो उनके कोच उनके साथ थे. इसी तरह, पहलवान अमन सहरावत अपने पदक के साथ वापस आए और उनके साथ उनके कोच थे. लेकिन जब विनेश लौटीं, तो दीपेंद्र हुड्डा उनके साथ थे. लोगों के लिए बेहतर यही होगा कि दीपेंद्र को द्रोणाचार्य पुरस्कार दे दें. मेरा मानना ​​है कि अगर मेरे पिता हवाई अड्डे पर उनके साथ खड़े होते तो इस बात को लेकर इतना विवाद नहीं होता.’

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कुश्ती में अपने दांव-पेंचों से विरोधयों को चित्त करने वाली विनेश फोगाट राजनीति में भी अपना दमखम दिखाने लगी है…बड़े-बड़े हेवीवेट उनसे घबराए हुए है…मगर राजनीति के धुरंधरो के बीच विनेश जिस तरह खुद की इमेज तोड़ रही है….कहीं ऐसा न हो कि विनेश ने जो अब तक कमाया वो राजनीति के चक्कर में लूटा न बैठे…विनेश खुद को हर एक से कम्पेयर कर रही है…फोगाट फैमिली भी उनसे खुश नहीं…अब उन्होंने नीता अम्बानी का नाम भी घसीट लिया है…कुल मिलाकर उनके लक्षण….कंगना जैसे होते जा रहे है….. कही उनका हाल भी कंगना जैसा न हो….कि सब उनसे किनारा ही न कर लें…..

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