West Bengal Shiksha Bharti: सुप्रीम कोर्ट से ममता सरकार को बड़ी जीत, शिक्षक घोटाले में राहत

West Bengal Shiksha Bharti: पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़ी एक बड़ी कानूनी लड़ाई में ममता बनर्जी सरकार को आज सुप्रीम कोर्ट से महत्वपूर्ण राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें राज्य सरकार को अतिरिक्त शिक्षक पद (Supernumerary Posts) सृजित करने के फैसले की सीबीआई जांच कराने के निर्देश दिए गए थे।

क्या था हाईकोर्ट का आदेश?

कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा “दागी उम्मीदवारों” को समायोजित करने के लिए बनाए गए अतिरिक्त पदों की वैधता पर सवाल उठाते हुए इसकी सीबीआई से जांच कराने का आदेश दिया था। यह आदेश ममता सरकार के उस निर्णय के खिलाफ आया था जिसमें इन उम्मीदवारों के लिए नई भर्तियों से इतर अतिरिक्त पदों का सृजन किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस आदेश को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि अतिरिक्त पदों के सृजन की जांच की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यह निर्णय केवल अतिरिक्त पदों के सृजन से संबंधित है और घोटाले के अन्य पहलुओं में सीबीआई द्वारा जारी जांच और चार्जशीट पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

पृष्ठभूमि: कब हुआ था यह घोटाला?

बता दें कि यह मामला वर्ष 2016 में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) द्वारा आयोजित एक भर्ती अभियान से जुड़ा है, जिसके अंतर्गत सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में कुल 25,753 शिक्षकों और कर्मियों की नियुक्ति की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 3 अप्रैल को इन सभी नियुक्तियों को “त्रुटिपूर्ण और दागदार” करार देते हुए उन्हें अमान्य घोषित कर दिया था।

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जांच अभी जारी है

फिलहाल, इस घोटाले से जुड़े अन्य मुद्दों—जैसे चयन प्रक्रिया में अनियमितता, फर्जी दस्तावेज़, और कथित घूसखोरी—की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है। ममता सरकार को मिली यह राहत घोटाले की पूरी तस्वीर को क्लीन चिट नहीं देती, लेकिन एक महत्वपूर्ण कानूनी झटका जरूर टल गया है।

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