Mumbai Attack: ‘बिरयानी नहीं, बलिदान का बदला चाहिए’ — तहव्वुर राणा को लेकर बड़ा बयान
Mumbai Attack: मुंबई आतंकी हमले (26/11) के आरोपी तहव्वुर राणा को जल्द ही अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया जा रहा है। उसके भारत पहुंचने से पहले ही देश में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं। हमले के दौरान कई लोगों की जान बचाने वाले ’26/11 के हीरो’ मोहम्मद तौफीक ने इस पर कड़ा रुख अपनाया है।
‘बिरयानी और सुविधाएं नहीं, सीधे सज़ा दो’
मुंबई के एक चायवाले, जिन्हें ‘छोटू’ के नाम से भी जाना जाता है, मोहम्मद तौफीक ने कहा,
“भारत को तहव्वुर राणा के लिए कसाब जैसी VIP जेल, बिरयानी या किसी भी तरह की सुविधा देने की जरूरत नहीं है। उसे सीधा फांसी पर लटकाना चाहिए।”
उन्होंने यह भी मांग की कि आतंकवादियों से निपटने के लिए अलग और सख्त कानून बनाए जाने चाहिए, ताकि ऐसे मामलों में तेजी से न्याय हो सके।
“ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि आतंकी को 2-3 महीने में फांसी मिल जाए,” तौफीक ने ज़ोर देकर कहा।
तहव्वुर राणा की याचिका अमेरिका में खारिज
7 अप्रैल 2025 को अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय ने तहव्वुर राणा की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग की थी। राणा ने 20 मार्च को मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स के समक्ष एक आपातकालीन याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे अस्वीकार कर दिया।
भारत में चलेगा मुकदमा
तहव्वुर राणा पर 2008 के मुंबई आतंकी हमलों में शामिल होने का आरोप है। उस भयानक रात को मुंबई में हुए हमलों में 160 से अधिक लोग मारे गए थे। भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उसके खिलाफ दिल्ली में आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया है। भारत में अब राणा पर मुकदमा चलाया जाएगा।
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26/11 हमले की याद
26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने मुंबई के कई हिस्सों में हमला किया था। इस हमले ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया था। हमले के एकमात्र ज़िंदा पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब को 2012 में फांसी दी गई थी।