Rudraprayag- कल खुलेगा बाबा केदारनाथ धाम के कपाट, मंदिर को 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया

Rudraprayag- उत्तराखंड के पवित्र चारधामों में से एक, बाबा केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को ब्रह्म मुहूर्त में विधि-विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। कपाट खुलने की यह पावन घड़ी पूरे देश के करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखती है।

कपाट खुलने के इस शुभ अवसर पर केदारनाथ मंदिर को 108 क्विंटल फूलों से भव्य रूप से सजाया गया है। गेंदा, गुलाब, रजनीगंधा और अन्य खुशबूदार फूलों से मंदिर का हर कोना सुसज्जित किया गया है। मंदिर परिसर के साथ ही आसपास के क्षेत्र को भी सजाया गया है, जिससे पूरा धाम भक्तिमय वातावरण में डूब गया है।

सुबह 7:00 बजे खुलेंगे कपाट

मंदिर समिति के अनुसार, बाबा केदारनाथ के कपाट 2 मई को सुबह लगभग 7:00 बजे खोले जाएंगे। इससे पहले विशेष पूजा, अभिषेक और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विधि-विधान पूरे किए जाएंगे। मुख्य पुजारी बागेश लिंग सहित तीर्थ पुरोहितों की मौजूदगी में यह प्रक्रिया संपन्न होगी।

मुख्य अतिथियों की उपस्थिति

इस अवसर पर उत्तराखंड सरकार के प्रतिनिधियों के साथ-साथ कई साधु-संत, प्रशासनिक अधिकारी और हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहेंगे। राज्यपाल और मुख्यमंत्री की ओर से भी संदेश और शुभकामनाएँ भेजी गई हैं।

श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

इस बार कपाट खुलने के दौरान करीब 20,000 से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। देशभर से लोग केदारनाथ यात्रा पर पहुंच रहे हैं। प्रशासन ने सुरक्षा, भोजन, ठहरने और चिकित्सा की पुख्ता व्यवस्था की है।

सुरक्षा और सुविधाओं के विशेष इंतजाम

केदारनाथ धाम में सुरक्षा के लिए भारी संख्या में पुलिस बल और ITBP के जवान तैनात किए गए हैं। ड्रोन से निगरानी की जा रही है। मेडिकल कैंप, हेल्प डेस्क, बिजली और पानी की व्यवस्था को भी सुनिश्चित किया गया है। यात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवा भी चालू कर दी गई है।

मौसम का मिजाज

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, 2 मई को मौसम साफ रहने की संभावना है, जिससे कपाट खुलने के कार्यक्रम में कोई बाधा नहीं आएगी। हालांकि, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की ठंड बनी रहेगी, इसलिए यात्रियों को गरम कपड़े साथ रखने की सलाह दी गई है।

परंपरा और श्रद्धा का संगम

हर साल अक्षय तृतीया के बाद केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाते हैं और भैयादूज पर बंद होते हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। कपाट खुलने की यह धार्मिक परंपरा भक्तों के लिए आस्था और उल्लास का पर्व बन चुकी है।

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