मोदी सरकार की आलोचना करने पर जेपी नड्डा ने सोनिया गांधी को लिखा पत्र, कही यह बड़ी बात

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी के जरिए उन्होंने कांग्रेस कार्यसमिति में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रस्ताव पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोनिया गांधी को चिट्ठी के जरिए जवाब दिया है। उन्होंने राहुल गांधी सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के हाल के बयानों की निंदा की है। उन्होंने कहा, ”आज के समय में कांग्रेस के आचरण से दुखी करने वाले हैं, लेकिन आश्चर्य नहीं हुआ। आपकी पार्टी के कुछ सदस्य लोगों की मदद करने में सराहनीय काम कर रहे हैं, उनकी हार्डवर्क को पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों द्वारा फैली नकारात्मकता से ग्रहण लग जाता है।”

उन्होंने कहा, ”आज के समय में जब भारत COVID19 के खिलाफ अत्यंत साहस के साथ लड़ रहा है, हर कोई चाहेगा कि कांग्रेस के शीर्ष व्यक्ति लोगों को गुमराह करना, झूठी दहशत पैदा करना और यहां तक कि अपने विचारों का सिर्फ राजनीतिक विचारों के आधार पर विरोधाभास करना बंद कर देंगे।” आपको बता दें कि भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मोदी सरकार को लेकर सीडब्ल्यूसी की आलोचना के बाद सोनिया गांधी को यह चिट्ठी लिखी है।

जेपी नड्डा ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर कहा, ‘भारत के हालिया इतिहास में टीकाकरण को लेकर कोई संदेह नहीं रहा है, लेकिन कांग्रेस ने सदी में एक बार आई वैश्विक महामारी के दौरान इसे पैदा करने की कोशिश की।’ नड्डा ने सोनिया गांधी से कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विज्ञान में अटूट विश्वास, नवोन्मेष को समर्थन, सहकारी संघवाद के साथ वैश्विक महामारी से निपटा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि फरवरी, मार्च के आंकड़े बताएंगे कि कौन से राज्य कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर निगरानी रखने में नाकाम रहे और पंजाब जैसे राज्यों में मृत्युदर अधिक क्यों हैं? नड्डा ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान राहुल गांधी समेत कांग्रेस नेताओं का आचरण दोहरेपन और तुच्छता के लिए याद किया जाएगा।

क्या कहा था कांग्रेस ने?
कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की सोमवार को हुई बैठक में कोरोना वायरस की दूसरी लहर पर चर्चा की गई। यह बैठक हाल में संपन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर बुलाई गई थी। बैठक के बाद पारित प्रस्ताव में, CWC ने कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर को मोदी सरकार की उदासीनता, असंवेदनशीलता और अक्षमता का प्रत्यक्ष परिणाम बताया।

सीडब्ल्यूसी ने प्रस्ताव में कहा, ”यह वैज्ञानिक सलाह की केंद्र सरकार की इच्छाशक्ति की अवहेलना, महामारी पर जीत की इसकी समयपूर्व घोषणा (जो कि सिर्फ पहली लहर थी) और चेतावनी के बावजूद पहले योजना बनाने में असमर्थता का प्रत्यक्ष परिणाम है। चेतावनी सिर्फ हेल्थ एक्सपर्ट्स ने ही नहीं, बल्कि संसद की स्थायी कमेटी ने दी थी।” प्रस्ताव में कहा गया है कि पीएम को अपनी गलतियों के लिए प्रायश्चित करना चाहिए।

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