गायत्री प्रजापति समेत तीन को उम्र कैद, गैंगरेप मामले में अदालत ने सुनाया फैसला

लखनऊ। सपा सरकार में कद्दावर कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ सामुहिक दुराचार के आरोपों को सही पाए जाने के बाद अदालत ने शुक्रवार को उम्र कैद की सजा सुनाई है। उसके साथ ही इस मामले के दो और अभियुक्तों आशीष शुक्ला व अशोक तिवारी को भी उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने कहा है कि तीनों ही अभियुक्तों के लिए उम्र कैद का आशय जीवन प्रयंत कारावास से होगा। वहीं कोर्ट ने तीनों पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

यह निर्णय शुक्रवार को एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने सुनाया। सजा सुनने के लिए गायत्री व दोनों अन्य अभियुक्त अदालत में मौजूद रहे। सजा सुनते ही गायत्री प्रजापति चेहरा उतर गया। वहीं अदालत का फैसला आने के बाद तीनों को सजा भुगतने के लिए जेल भेज दिया गया। उल्लेखनीय है कि तीनों को विशेष अदालत ने 10 नवम्बर को ही दोषी करार दे दिया था जबकि अन्य आरोपितों में विकास वर्मा, अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू, चंद्रपाल व रुपेश्वर उर्फ रुपेश को साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था।

सजा के बिन्दु पर बहस के दौरान तीनों अभियुक्तों की ओर से उदार रुख अपनाने की मांग कोर्ट से की गई और प्रार्थना की गई कि उन्हें कम से कम सजा दी जाए। वहीं अभियोजन पक्ष ने तीनों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग करते हुए कहा कि अभियुक्त गायत्री प्रजापति तत्कालीन मंत्री था लिहाजा उसके द्वारा किये गए अपराधिक कृत्य से पूरे समाज में गलत संदेश गया।

कहा गया कि गायत्री प्रजापति ने खुद को कानून से बचाने के लिए एफआईआर दर्ज होने के बाद भी सभी गलत-सही जतन किए। विवेचना को प्रभावित करने का और यहां तक कि ट्रायल को भी प्रभावित करने का प्रयास किया। हालांकि सजा के खिलाफ तीनों के पास हाईकोर्ट में अपील दाखिल करके विशेष अदालत के इस फैसले को चुनौती देने का विकल्प है।

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