शारीरिक सेहत के लिए खतरनाक है तनाव

नई दिल्ली। तनाव हमारे जीन की गतिविधि और कार्य को प्रभावित कर सकता है। यह ”एपिजेनेटिक” परिवर्तनों के माध्यम से ऐसा करता है, जो हमारी कुछ जीन को चालू और बंद करता है, हालांकि यह डीएनए कोड को नहीं बदलता है। लेकिन कुछ लोग तनाव के प्रति अधिक खराब प्रतिक्रिया क्यों देते हैं, जबकि अन्य लोग दबाव में रहते हुए इसका सामना करते हैं?पिछले शोधों ने मजबूत सामाजिक बंधनों की पहचान की है और अपनेपन की भावना को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाए रखने का माध्यम पाया हैं। सामाजिक समर्थन का अर्थ है एक ऐसा नेटवर्क होना जो जरूरत के समय में आपके साथ हो। यह प्राकृतिक स्रोतों जैसे परिवार, दोस्तों, भागीदारों, पालतू जानवरों, सहकर्मियों और सामुदायिक समूहों से आ सकता है।

या औपचारिक स्रोतों जैसे मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों से।जर्नल ऑफ साइकियाट्रिक रिसर्च में आज प्रकाशित मेरा नया अध्ययन पहली बार दिखाता है कि ये सकारात्मक प्रभाव मानव जीन पर भी देखे गए हैं। सहायक सामाजिक संरचनाएं होने से एपिजेनेटिक्स की प्रक्रिया के माध्यम से हमारे जीन और स्वास्थ्य पर तनाव के कुछ हानिकारक प्रभावों को दूर किया जा सकता है। निष्कर्ष बताते हैं कि हम जिस डीएनए के साथ पैदा हुए हैं, वह जरूरी नहीं कि हमारी नियति हो।हमारे जीन और हमारा पर्यावरण हमारे स्वास्थ्य में योगदान करते हैं। हमें अपना डीएनए कोड अपने माता-पिता से विरासत में मिलता है, और यह हमारे जीवन के दौरान नहीं बदलता है।

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