यात्रा को और सुगम बनाएंगे वंदे भारत ट्रेन के कोच, आटोमेटिक होंगे दरवाजे

रायबरेली । आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना (आरेडिका) में बनाए जा रहे वंदे भारत ट्रेनों के कोच सुविधाओं के मामले में अव्वल होंगे। इसकी सुविधाएं यात्रा को और भी सुखद बना देंगी। न तो बाहरी शोरगुल की चिंता रहेगी और न ही धूल-मिट्टी के आने की फिक्र। इसके अलावा अन्य खूबियां भी आकर्षण का केंद्र होंगी।आजादी के 75वें वर्ष में 75 वंदे भारत ट्रेन चलाने की घोषणा प्रधानमंत्री कर चुके हैं। आरेडिका उनके इस सपने को पूरा करने में जुटी है।देश में पहली वंदे भारत ट्रेन का निर्माण इंटिग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई में हुआ था। आरेडिका को 24 ट्रेनों के कोच बनाने का आर्डर मिला है। इनकी सबसे बड़ी विशेषता 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार है। एक वंदे भारत ट्रेन में 16 कोच होंगे। सभी आपस में जुड़े होंगे। इनके बीच में कोई जगह खुली नहीं रहेगी। इसके कारण ये डिब्बे धूल से सुरक्षित होंगे और बाहरी शोर को कम करेंगे। डिब्बों को जोडऩे वाले कपलर की डिजाइन ऐसी है कि ट्रेन के चलने पर यात्रियों को झटके न लगें। वातानुकूलित इस रेलगाड़ी में इकोनामी और एग्जीक्यूटिव श्रेणी के कोच होंगे। एग्जीक्यूटिव श्रेणी में रिवाल्विंग चेयर दी गई है, जो 180 डिग्री तक घूम जाएगी। डिब्बों के दरवाजे तभी खुलेंगे जब ट्रेन पूरी तरह रुक जाए। ट्रेन भी तब ही चलेगी तब सारे दरवाजे बंद हों। एलईडी लाइट, भारतीय एवं पश्चिमी शैली के जैव वैक्यूम शौचालय, सामान रखने के लिए प्रत्येक कोच में माड्यूलर रैक, मोबाइल फोन चार्ज करने के लिए हर सीट पर साकेट, रीडिंग लाइट समेत अन्य विशेषताएं इसमें होंगी।

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