New Delhi: केंद्र की ‘एक जिला एक उत्पाद’ पहल को बढ़ावा देंगे फेडएक्स और इन्वेस्ट इंडिया
New Delhi: प्रमुख एक्सप्रेस ट्रांसपोर्टेशन कंपनी फेडएक्स कॉर्प की सब्सिडिएरी फेडएक्स ने इन्वेस्ट इंडिया के साथ अपने सहयोग की घोषणा की है। इस सहयोग का उद्देश्य केंद्र सरकार के ‘एक जिला एक उत्पाद’ यानी वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) पहल में सहयोग करना है। दोनों का मकसद भारतीय लघु उद्योग की वृद्धि में तेजी लाना है। इसके लिए उन्हें दुनियाभर के बाजारों तक पहुंच मुहैया कराई जाएगी।
फेडएक्स के मिडल ईस्ट, भारतीय उपमहाद्वीप और अफ्रीका (एमईआईएसए) के अध्यक्ष कामी विश्वनाथन का कहना है कि संतुलित क्षेत्रीय विकास के लिए भारत के प्रधानमंत्री की नरेन्द्र मोदी की ‘एक जिला एक उत्पाद ‘ पहल का लक्ष्य सम्पूर्ण भारत में प्रत्येक जिले से एक विशिष्ट उत्पाद को बढ़ावा देना है। यह कार्यक्रम स्थानीय कारीगरों और मैन्युफैक्चरर्स को व्यापक सहायता प्रदान करके आजीविका में सुधार और भारतीय कारीगरी की समृद्ध विविधता का प्रदर्शन करता है। यह पहल नवाचार को बढ़ावा देती है और स्थानीय व्यवसायों को वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा करने के योग्य बनाते हुए मेक इन इंडिया के सपने के प्रति भारत की वचनबद्धता को दिखाती है।
विश्वनाथन ने कहा कि, हम इन्वेस्ट इंडिया के साथ अपने सहयोग के द्वारा स्थानीय उत्पादकों को वैश्विक लॉजिस्टिक्स को आसान बनाने के लिए आवश्यकतानुसार विशिष्ट समाधान देकर उनके सामने उपस्थित चुनौतियों को हल करना चाहते हैं। एक साथ मिलकर हम निर्यात में तेजी ला रहे हैं और सतत् आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ा रहे हैं।”
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इन्वेस्ट इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी निवृत्ति राय का कहना है, ”ओडीओपी पहल 750 से अधिक जिलों के 1,200 से अधिक विशिष्ट स्वदेशी उत्पादों के वैश्विक प्रोत्साहन और ‘वोकल फॉर लोकल ‘ अभियान को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित है। हम एक परस्पर लाभकारी सहभागिता के लिए इस प्रयास में फेडएक्स के साथ सहयोग के लिए उत्साहित है। इसमें निर्यात बढ़ाने के लिए 220 से अधिक देशों और भू-भागों में फेडएक्स की मौजूदगी के माध्यम से वैश्विक बाजार की सुलभता को आसान बनाने तथा पैकिंग, प्रेषण, इन्वेंटरी प्रबंधन तथा अन्य पहलुओं के लिए सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों पर ओडीओपी-निबंधित स्थानीय उत्पादकों को प्रशिक्षण देना शामिल हैं। साथ मिलकर हम न केवल इन उत्पादकों की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि उन्हें वैश्विक मंच पर अपनी कहानियों और नवाचारों को साझा करने में भी सक्षम बना रहे हैं।”