New Delhi- मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों संग की समीक्षा बैठक, नियमित निरीक्षण और जनता से संवाद करने के निर्देश दिए
New Delhi- मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को दिल्ली सरकार के सभी राजस्व जिलों के जिलाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। इस बैठक के दौरान दिल्ली के सभी 11 राजस्व जिलों के जिलाधिकारी मौजूद रहे। इस उच्च स्तरीय बैठक का मुख्य उद्देश्य राजस्व जिलों में प्रशासनिक और विकासात्मक प्रगति की समीक्षा करना, स्थानीय मुद्दों का समाधान करना और विभागों के बीच समन्वय को सुदृढ़ बनाना रहा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बैठक में प्रशासनिक कार्यों की प्रगति, जनसेवा के कार्य, भूमि संबंधी विवादों, अतिक्रमण की स्थिति, भू-स्वामित्व रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण, आपदा प्रबंधन तैयारियों और राजस्व कार्यालयों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही सभी जिलाधिकारियों को क्षेत्र में नियमित निरीक्षण और जनता से संवाद करने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक के बारे में अधिक जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली के सभी राजस्व जिलों के जिलाधिकारियों के साथ आज की समीक्षा बैठक अत्यंत महत्वपूर्ण रही। इस बैठक में नागरिक सेवाओं की स्थिति, ई-डिस्ट्रिक्ट प्लेटफॉर्म के माध्यम से दी जा रही सेवाओं की प्रगति, जन शिकायतों के समाधान की प्रक्रिया, भू-अभिलेखों के डिजिटलीकरण और आपदा प्रबंधन से जुड़े विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। अधिकारियों को सभी सेवाएं पारदर्शी, समयबद्ध और नागरिकों की सुविधा को केंद्र में रखकर प्रदान की करने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने राजधानी की प्रशासनिक व्यवस्था को अधिक जवाबदेह और संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से कई अहम निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता को एक ऐसी प्रणाली चाहिए जो सुने, समझे और त्वरित कार्रवाई करे। इसी दृष्टिकोण के तहत सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि हर जिले में सप्ताह में कम से कम एक बार जन सुनवाई कैंप लगाया जाए, ताकि नागरिकों की समस्याओं का समयबद्ध और प्रभावी समाधान सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस नीति के बारे में स्पष्ट किया कि इस संबंध में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्रों को जारी करने में पाई जाने वाली अनियमितताओं की त्वरित जांच की जाए और दोषियों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को झुग्गी क्षेत्रों में नियमित निरीक्षण और लोगों की बुनियादी जरूरतों की सुनिश्चितता के निर्देश दिए हैं। सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने विकास कार्यों की 15 दिन के भीतर प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। नागरिक सेवाओं को अधिक प्रभावी और यूज़र फ्रेंडली बनाने के लिए ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल को अपग्रेड किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि दिल्ली की सौंदर्यता और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अवैध बैनर और पोस्टर हटाने का अभियान जारी रहेगा। इस अभियान के तहत सभी सरकारी संपत्तियों जैसे फ्लाईओवर, रोड साइन, स्कूल बाउंड्री वॉल आदि से अवैध बैनर और पोस्टर को भी हटाया जा रहा है। साथ ही उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ प्रॉपर्टी डिफिसमेंट एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जा रही है।
दिल्ली सरकार अब संपत्ति के पंजीकरण को पूरी तरह पेपरलेस और फेसलेस बनाने की दिशा में कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रॉपर्टी सेल डीड रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सरल, डिजिटल और पारदर्शी बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार जनता को सुविधाजनक सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल करने से न केवल समय और श्रम की बचत होगी, बल्कि इससे बिचौलियों और भ्रष्टाचार पर भी रोक लगेगी।
मुख्यमंत्री ने राजस्व जिलों की समीक्षा बैठक के दौरान डीएम कार्यालयों में तकनीकी स्टाफ की नियुक्तियों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पटवारी, कानून-गो, सर्वेयर जैसे तकनीकी पदों की नियुक्तियां की जाएं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को अपने-अपने जिलों में जलभराव, स्वच्छता, अतिक्रमण और यातायात जाम जैसी स्थानीय समस्याओं पर नियमित निगरानी रखें और इनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।