देश में नहीं थम रहा कोरोना संक्रमण का कहर पिछले 24 घंटे में 59 हजार से ज्यादा नए मामले
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को कम करने करने के लिए लगे लॉकडाउन के एक साल बाद भी हालात अच्छे नहीं हैं। आज से ठीक एक साल पहले देश में कोरोना संक्रमण के करीब 500 मामले आने पर लॉकडाउन लगा दिया गया था। जबकि एक साल बाद रोजाना मिल रहे कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 53 हजार के पार हो गया है। महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में महामारी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण से 53,476 से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं और 251 की जान चली गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना वायरस को काबू करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के एक साल बाद भी हालात भयावह हैं। सक्रिय मामले लगातार बढ़ रहे हैं और मौतों का आंकड़ा भी एक बार फिर रफ्तार पकड़ रहा है। महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और गुजरात में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं और इन्हीं राज्यों में मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। 24 मार्च तक बीते 24 घंटे में महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 28,699 केस दर्ज हुए। इसके बाद पंजाब (2,254) और कर्नाटक (2,010) में नए केस सामने आए। सबसे ज्यादा 132 मौतें भी महाराष्ट्र में दर्ज हुईं। इसके बाद पंजाब (53) और छत्तीसगढ़ (20) में मौतें हुई हैं।
1.60 लाख से अधिक की गई जान
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटों में कोरोना वायरस से संक्रमण के रिकॉर्ड 53,476 नए मामले दर्ज किए गए हैं। देश में 152 दिन बाद गुरुवार को कोरोना मरीजों की संख्या सर्वाधिक है। इसी के साथ देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 1,17,87,534 पहुंच गए हैं। वहीं पिछले 24 घंटे में इस जानलेवा संक्रमण से 251 लोगों की जान गई है, इसी के साथ मरने वालों की संख्या 1,60,692 पहुंच गई है।
ठीक होने वाले मरीजों की संख्या आधी से भी कम
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में 26,490 कोरोना मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट गए हैं। इसी के साथ देश में अब तक 1,12,31,650 मरीज कोरोना वायरस को मात देने में सफल रहे हैं। रोजाना के आधार पर दर्ज होने वाले नए कोरोना केसों की तुलना में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या आधी से भी कम हो गई है। बता दें कि 15 फरवरी के बाद कोरोना के सक्रिय मामलों में भारी बढ़ोतरी हुई है, इसी के साथ सक्रिय मामले करीब चार पहुंच गए हैं।
15 फरवरी के बाद से बिगड़े हालात
आंकड़े बताते हैं कि भारत में 15 फरवरी के बाद ही कोरोना की दूसरी लहर प्रभावी हुई। हफ्ता-दर-हफ्ता केस बढ़ते गए। जहां 1 से 7 फरवरी के बीच 80,180 केस सामने आए थे, वहीं 15-21 फरवरी के बीच 86,711 नए केस सामने आए। इसके अगले हफ्ते में नए केस के आंकड़े ने एक लाख का आंकड़ा पार किया और 15-21 मार्च के बीच दो लाख का आंकड़ा भी पार कर लिया है। कोरोना की वजह से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी इस दौरान बढ़ता गया। 15-21 मार्च के बीच मौतों ने 1,000 का आंकड़ा पार किया और पिछले हफ्ते के मुकाबले 34.9 फीसदी की बढ़त दर्ज की।
लापरवाही के चलते फिर बेकाबू हुआ कोरोना
सरकारी अधिकारियों और विशेषज्ञों का कहना है कि वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद लोगों ने मान लिया कि कोरोना खत्म हो गया है। सोशल डिस्टेंसिंग समेत कोरोना से बचने के दूसरे उपायों को छोड़ दिया गया, जिसका खामियाजा दूसरी लहर के तौर पर सामने आ रहा है।
युवाओं को भी जल्द लगेगा कोरोना का टीका
कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए सरकार ने वैक्सीनेशन को तेज करने की कवायद शुरू कर दी है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि जल्दी ही वैक्सीनेशन के दायरे में और लोगों को लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी 45 से अधिक उम्र वाले लोगों को ही 1 अप्रैल से टीका लगाने का फैसला लिया गया है, लेकिन जल्दी ही यह आयु सीमा हटेगी और इस दायरे में और लोगों को लाया जाएगा। केंद्र सरकार की ओर से पहले ही ऐलान किया जा चुका है कि एक अप्रैल से 45 साल से अधिक आयु के लोगों को टीका लगेगा। इससे पहले 1 मार्च से सरकार ने 60 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों और गंभीर बीमारियों से पीडि़त 45 साल के लोगों को टीका लगाने का अभियान शुरू किया था।