नहीं चाहते छत्तीसगढ़ के अन्नदाताओं के साथ हो अन्याय: सीएम भूपेश

छत्तीसगढ़। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उत्तर प्रदेश रवाना होने से पहले केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने मंत्रिमंडल के साथ पीएम मोदी से मिलने की बात पर कहा कि केंद्र सरकार ने अभी तक सेंट्रल एक्साइज का हिस्सा नहीं दिया है। सेंट्रल पूल में जमा छत्तीसगढ़ के हिस्से की कोल पेनाल्टी राशि 4140 करोड़ की राशि भी नहीं मिली है। कोयला मंत्री ने राशि लौटाने सैद्धांतिक सहमति दी है, जबकि वित्त मंत्रालय द्वारा इसे लटकाकर रखा है। प्रदेश में एक दिसंबर से धान खरीदी होनी है। केंद्र सरकार सिर्फ अरवा चावल लेने की बात कह रही है। हम नहीं चाहते के छत्तीसगढ़ के अन्नदाताओं के साथ कोई अन्याय हो। सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में उसना क्वालिटी के धान का उत्पादन ज्यादा है। अचानक उसना चावल लेना बंद कर देने से राइस मिल और किसान दोनों प्रभावित होंगे। इस मामले में खाद्य मंत्री पिछले दिनों मिलने गए थे, लेकिन उन्होंने समय तक नहीं दिया। इसलिए अब हमने पूरी कैबिनेट के साथ प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा है, ताकि छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ अन्याय और भेदभाव न हो

। धान खरीदी के लिए बारदाने भी अब तक नहीं मिले हैं। बघेल ने कहा कि इससे पहले उसना चावल लिया जाता रहा है। उसना चावल नहीं लेने से 500 मिलें बंद हो जाएंगी और हजारों मजदूरों की रोजी-रोटी प्रभावित होगी।केंद्र सरकार की पीएम आवास योजना के तहत 2020-21 के लिए केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के 8 लाख गरीबों को आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा था। लेकिन, राज्य सरकार ने मात्र 1.20 लाख आवास ही बनाए हैं। राशि जमा नहीं करने की वजह से केंद्र सरकार ने 7 लाख 82 हजार मकानों का आवंटन रद्द कर दिया है। इस पर भूपेश बघेल ने कहा कि पहले इंदिरा गांधी के नाम पर जो योजना थी। उसका नाम बदल दिया। अगर प्रधानमंत्री के नाम से योजना है तो इसमें केंद्र का योगदान 90 प्रतिशत और राज्य का 10 प्रतिशत होना चाहिए, ना कि 60-40 प्रतिशत का। सीएम ने कहा कि हम कहां कह रहें कि मकान नहीं बनाएंगे। हमारे पास जैसे ही राशि आएगी हम वापस गरीबों के लिए मकान तैयार करेंगे।

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