Delhi- कांग्रेस गठबंधन राज्यों में महिला उत्पीड़न पर प्रियंका चुप क्यों : अनुराग ठाकुर

Delhi-हमीरपुर लोकसभा से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी व केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने ऊना में कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी की रैली के बारे में बोलते हुए कहा कि प्रियंका गांधी यहाँ मंच से कई नई गारंटियों की घोषणा तो कर दी मगर पुरानी गारंटियाँ अभी तक क्यों पूरी नहीं हुई इसके बारे में क्यों जवाब नहीं देतीं? प्रियंका गांधी पुरानी गारण्टियाँ बग़ैर पूरी किए फिर हिमाचल की जनता को ठगने आ गईं।

उन्होने कहा कि सुक्खू और राहुल गांधी झूठी गारंटियां देते देते थक गए तो अब प्रियंका गांधी को हिमाचलियों को दुबारा ठगने भेजा है। हमीरपुर और हिमाचल की माताएं बहनें बड़ी आस लगा के बैठी थीं कि शायद प्रियंका गांधी 16 महीने पहले किए अपने 1500 सौ प्रति महीने के वादे पर कुछ बोलेंगी परंतु प्रियंका गांधी ने उस ओर कुछ ना बोलकर और नए-नए झूठे वादों की लिस्ट थमा दी है। 16 महीने से खुद को ठगा महसूस कर रही जनता अब आक्रोशित हो चुकी है और एक जून को हिमाचल से कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ करने के लिए वोट करने जा रही है।

अनुराग ठाकुर ने यह बातें मंगलवार को गगरेट, हरोली, ऊना और कुटलैहड़ विधानसभाओं में आयोजित दर्जन भर से ज्यादा जनसभाओं व मीडिया कर्मियों से वार्तालाप के दौरान कहीं। अनुराग ठाकुर ने अपनी जनसभाओं में मोदी सरकार व स्वयं द्वारा किए गए विकास के कार्यों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया और कांग्रेस की नाकामी को भी लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस किसी भी तरह से सिर्फ सत्ता हथियाना चाहती है। एक बार सत्ता में आ जाने के बाद उनका जनता से कोई सरोकार नहीं रहता। हिमाचल प्रदेश पिछले 16 महीनों से इसका भुक्तभोगी है। यही प्रियंका गांधी और राहुल गांधी 16 महीने पहले विधानसभा चुनाव के दौरान हिमाचल आकर बड़ी-बड़ी घोषणाएं और गारंटियाँ देकर गए थे मगर अभी तक उनमें से एक भी पूरा नहीं हुआ है। अभी लोकसभा चुनाव के समय यह लोग फिर से उसी झूठ का सहारा लेकर चुनाव प्रचार में लगे हैं।

उन्होने कहा कि कांग्रेस और उसके नेताओं की यही विडंबना है कि आजादी के 75 वर्षों बाद भी यह लोग जनता को मूर्ख समझते हैं। इन्हें लगता है कि जनता को कुछ भी बोल दो तो वह उनकी बातों में आकर उन्हें वोट दे देगी। यही कारण है कि यह लोग 2014 और 2019 की करारी हार के बाद अब 2024 में 40 से भी कम सीटों पर सिमटने वाले हैं।

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