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SC ने केंद्र से पूछा अहम सवाल, कोरोना की तीसरी लहर में कहां से लाएंगे मैनपावर?

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच वायरस की तीसरी लहर को लेकर वैज्ञानिकों ने चिंता जताई है. कहा जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चे भी इस बीमारी से संक्रमित होंगे. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जताई है और केंद्र सरकार से पूछा है कि इसकी तीसरी लहर को लेकर आपने क्या तैयारी की है. इस लहर में जब बच्चे कोरोना से संक्रमित होंगे तो मां-बाप क्या करेंगे. इसे लेकर आपने क्या तैयारी की है. बच्चों के टीकाकरण के लिए भी तैयारी करनी चाहिए. टीकाकरण अभियान में अब बच्चों के लिए भी सोचना चाहिए.

ऑक्सीजन ऑडिट को देखने की जरूरत
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता से कहा कि जब आपने फॉर्मूला बनाया कि हर व्यक्ति को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं होती, हर किसी को आईसीयू या वेंटीलेटर की आवश्यकता नहीं होती, ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें घर पर रहने के लिए और घर पर आइसोलेट होने के लिए कहा गया है, हमें जो करना है, वह यह है कि हम इसे पूरे भारत पर देखें, हमें ऑक्सीजन ऑडिट को देखने की जरूरत है.

अभी से तैयारी करेंगे तभी तीसरी लहर को संभाल पाएंगे
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप महामारी के चरण 2 में हैं, दूसरे चरण में भी कई मापदंड हो सकते हैं, लेकिन हम आज तैयारी करते हैं, तभी हम चरण 3 को संभाल सकेंगे. कोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ एक राज्य को ऑक्सीजन आवंटित करने के बारे में नहीं है, उचित ऑक्सीजन ऑडिट की ज़रूरत है, वितरण के लिए भी समुचित रूपरेखा होनी चाहिए, इसलिए मैंने कहा कि अन्य राज्यों को भी देखा जाए.

ऑक्सीजन की जरूरत आंकने का फॉर्मूला गलत
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि घर पर इलाज करा रहे लोगों को भी ऑक्सीजन की ज़रूरत है, ऑक्सीजन की ज़रूरत आंकने का फॉर्मूला गलत है, फिर भी यह सच है कि हमें पूरे देश के लिए सोचना है, आज अगर हम तैयारी करेंगे तो कोविड का तीसरा फेज आने पर उससे बेहतर निपट सकेंगे.

कोविड कमेटी बुनियादी बातों को देख नहीं पा रही
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि चिंता की बात है कि तीसरी लहर की बात वैज्ञानिक कह रहे हैं, उसमें बच्चों के प्रभावित होने की आशंका है, टीकाकरण अभियान में बच्चों के लिए सोचा जाना चाहिए. इसके बाद एसजी तुषार मेहता कोविड से निपटने के लिए बनी कमिटी पर बात करने लगे. इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आपकी कमेटी बुनियादी बातों को नहीं देख पा रही.

अगर बच्चे संक्रमित हुए तो क्या प्लान है?
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कई वैज्ञानिकों की रिपोर्ट है कि थर्ड फेस शुरू हो सकता है, अगर बच्चे इनफेक्ट होते हैं तो मां-बाप कैसे क्या करेंगे, अस्पताल में रहेंगे या क्या करेंगे, क्या प्लान है?

तीसरी लहर के लिए मैन पावर कहां से लाएंगे?
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि क्या हम ऐसे डॉक्टरों की टीम तैयार कर सकते हैं, जो टेक्नोलॉजी से इलाज करे, सेकंड वेब को हैंडल करने के लिए मैन पावर नहीं है, थर्ड वेब के लिए भी हमारे पास मैन पावर नहीं होगा, क्या हम फ्रेश ग्रेजुएट डॉक्टर और नर्स का उसमें इस्तेमाल कर सकते हैं?

आपके पास घर पर बैठे डॉक्टर और नर्स के लिए क्या प्लान है?
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि थर्ड फेस में डॉक्टर और नर्स थक चुके होंगे, तब क्या करेंगे? कोई बैकअप तैयार करना होगा. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि देश में 1 लाख डॉक्टर और ढाई लाख नर्स घरों में बैठे हुए है, वह तीसरी वेव में अहम भूमिका निभा सकते हैं, 1 लाख डॉक्टर NEET परीक्षा का इंतज़ार कर रहे हैं, आपके पास उनके लिए क्या प्लान है?

नीति में गलती के लिए केंद्र होगा जवाबदेह
केंद्र से जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यदि आप किसी नीति में कोई त्रुटि करते हैं तो आप इसके लिए जवाबदेह हैं, हम नहीं हैं, इसलिए हम नीति में नहीं आएंगे, हम वो नहीं हैं, जो कुछ सालों में चुनाव में खड़े होंगे. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वे ऑडिट को दिल्ली केंद्रित बनाकर दिल्ली पर आकांक्षाओं का बोझ नहीं डालना चाहता है.

बता दें कि ऑक्सीजन की कमी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर से सुनवाई हो रही है और केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को ऑक्सीजन सौंपे जाने के लिए बनाए गए प्लान को कोर्ट में सौंपा है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर आना बाकी है. ऐसे में दिल्ली में ऑक्सीजन का संकट नहीं होना चाहिए.

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