पश्चिम बंगाल: शुभेंदु अधिकारी बने विधानसभा में विपक्ष के नेता, बीजेपी की बैठक में लिया गया फैसला

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की सत्ता पर तीसरी बार टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी विराजमान हो गई हैं. सोमवार को ममता की कैबिनेट में शामिल होने वाले मंत्री शपथ लेंगे. वहीं, बंगाल के सियासी इतिहास में पहली बार बीजेपी 3 सीटों से बढ़कर 77 सीटों पर पहुंची है और मुख्य विपक्षी दल बन गई है. ऐसे में विधानसभा सदन में बीजेपी की ओर से पहला नेता विपक्ष कौन होगा, इसे लेकर सभी की निगाहें लगी हुई हैं.

नंदीग्राम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हराने वाले बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी या फिर चुनावी रणनीति में माहिर और पहली बार विधानसभा चुनाव जीते कद्दावर नेता मुकुल रॉय विधानसभा में नेता विपक्ष होंगे. या फिर इन दोनों नेताओं के अलावा किसी और को यह दायित्व दिया जाएगा? इसे लेकर चर्चा तेजी थी, लेकिन पार्टी ने शुभेंदु अधिकारी को सदन का नेता चुना है.

हालांकि, बीजेपी ने बंगाल में अपना विधायक दल का नेता चुनने के लिए दो पर्यवेक्षक नियुक्त किए थे. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव को पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी गई थी. दोनों केंद्रीय नेता ने नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक कर विधायक दल यानी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का चुनाव किया, जिसमें शुभेंदु अधिकारी के नाम पर मुहर लगी.

ममता बनर्जी को नंदीग्राम सीट पर मात देने से शुभेंदु अधिकारी का सियासी कद काफी बढ़ गया है. अधिकारी के व्यक्तित्व और नेतृत्व की क्षमता को भी ध्यान में रखा जा सकता है. पार्टी के एक धड़े का मानना है कि भारी जीत के साथ सत्ता में लौटी टीएमसी के खिलाफ लड़ने में शुभेंदु सबसे अधिक सक्षम होंगे. ऐसे में अब सदन में उन्हें बीजेपी ने अपना चेहरा बना दिया है.

वहीं, मुकुल रॉय कृष्णानगर उत्तर सीट से जीतकर विधायक बने हैं. मुकल रॉय कभी टीएमसी में नंबर दो ही हैसियत रखते थे. मुकुल रॉय ने अपने जीवन में भले ही पहला चुनाव जीता हो लेकिन रणनीति बनाने में उनका अनुभव कम नहीं है. मुकुल रॉय दो बार राज्यसभा सदस्य रहे हैं. इसके बावजूद पार्टी ने उनकी जगह शुभेंदु अधिकारी को अहमियत दी है.

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