उत्तर प्रदेश: टेस्टिंग कम होने से कोरोना मरीजों की संख्या में आई कमी? जानिए स्वास्थ्य मंत्री ने कहां
नोएडा। यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप ने प्रदेश में कोरोना की कम टेस्टिंग के आरोपों पर जवाब दिया है. उन्होंने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि महामारी के सामने सभी संसाधन कम पड़ जाते हैं क्योंकि महामारी का पता नहीं होता है. उन्होंने विकसित देशों का हवाला देते हुए कहा कि कई बड़े देशों में भारत से भी ज्यादा मौतें हुई हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका, इंग्लैंड, ब्राजील, फ्रांस में आबादी के हिसाब से भारत से कई गुना ज्यादा मौतें हुई हैं.
उन्होंने आगे कहा कि शुरुआत में यूपी में बहुत कम टेस्ट हो रहे थे. आज प्रदेश में करीब तीन लाख टेस्ट हो रहे हैं. आरटीपीसीआर टेस्ट करीब एक लाख 15 हजार के करीब हो रहे हैं. इस महीने के अंत तक आरटीपीसीआर हम डेढ़ लाख तक कर लेंगे. वहीं, एंटीजन की संख्या भी बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि अगर कोई भी राज्य टेस्टिंग कम करेगी तो ये सबसे बड़ी गलती होगी. हमारा मकसद हे कि ज्यादा से ज्यादा लोगों का टेस्ट कर उनका आइसोलेट कर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग करें.
“गांवों में बढ़ाई टेस्ट की संख्या”
उन्होंने आगे कहा कि गांव में हमने एंटीजन टेस्टिंग बढ़ाई है. क्योंकि जब तक आरटीपीसीआर की रिपोर्ट आती है तब तक एंटीजन रिपोर्ट के आधार पर मरीज का इलाज शुरू कर देते हैं. अगर एंटीजन जांच में कमी दिखती है तो मरीज को नजदीकी लैब भेजकर उसका आरटीपीसीआर जांच कराई जाती है. इसके अलावा गांवों में हम दवाई बांट रहे हैं.
नदियों में शव बहाने पर भी दी प्रतिक्रिया
स्वास्थ्य मंत्री ने यूपी की नदियों में शव बहाए जाने के मामलों पर भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि सीएम ने इस बात को लेकर आदेश जारी किया है कि जिन नदी किनारे गांव या श्मशान घाट हैं. हर एक जिले में इसका निरीक्षण किया जाएगा. जांच टीम इसका जायजा लेगी. इन लाशों की पूरी जानकारी जुटाई जा रही है. बहुत जल्द ही इसकी जांच रिपोर्ट आ जाएगी. इसके अलावा सीएम ने ये भी कहा कि जो गरीब लोग नदियों में लाशों को बहा रहे हैं. उन्हें सरकारी खर्चे पर अंतिम संस्कार की व्यवस्था की जाएगी.
केंद्र की गाइडलाइन का करना होगा पालन
वैक्सीन के सवाल पर उन्होंने कहा कि भारत सरकार की गाइडलाइन सबको माननी पड़ेगी. केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार, हर राज्य में 45 वर्ष की उम्र से ज्यादा लोगों को मुफ्त वैक्सीन लगाई जा रही है. 18 प्लस से उम्र का फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ा है. यूपी सरकार ने तुरंत समिति बनाकर चार तारीख को ग्लोबल टेंडर दिया था. यूपी सरकार पहले ही सिरम इंस्टीट्यूट और कोवैक्सीन को एडवांस दे चुकी है. केंद्र सरकार के नियम सबको मानने चाहिए.