कन्याओं का जीवन ‘सुमंगल’ करती योगी सरकार

13.67 लाख बालिकाओं को मिल चुका है योजना का लाभ

लखनऊ। नवरात्रि में देवी के नौ स्वरूपों की पूजा होती है, फिर कन्या पूजन किया जाता है। कन्याओं का भविष्य सुदृढ़ व उज्ज्वल हो, उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके लिए कन्या सुमंगला योजना शुरू की। सुरक्षित वातावरण देकर उन्हें सशक्त बनाया।
मुख्यमंत्री की प्रमुख योजना कन्या सुमंगला से 13.67 लाख लाभार्थियों को लाभ मिला है। इनमें मंजू और खुशबू भी हैं। इनके परिवारवाले योगी सरकार से मिले सहयोग, समर्थन की बदौलत उत्साह संग नवरात्रि मनाने की तैयारी में जुटे हैं।
हीरापुर गांव की रहने वाली मंजू आर्थिक तंगी के कारण उच्च शिक्षा हासिल करने में सक्षम नहीं थीं। उन्होंने इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद इस योजना में आवेदन किया। जल्द ही सरकार से 5000 रुपये की वित्तीय सहायता उनके बैंक खाते में स्थानांतरित कर दी गई। आज मंजू ने कला स्नातक पाठ्यक्रम के लिए एक कॉलेज में प्रवेश लिया है।

मंजू ने कहा, “सरकार द्वारा लड़कियों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के कारण बेटियों को अब बोझ नहीं माना जाता है। वे अपने पैरों पर खड़े होने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने में सक्षम हैं।”

महोबा जिले के चरखारी विकासखंड के रहने वाले दिहाड़ी मजदूर कामता प्रसाद और उनकी पत्नी सुमित्रा ने कभी सोचा भी नहीं था कि उनकी बेटी खुशबू स्कूल जाएगी, पर मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना ने उनके सपनों को पंख लगा दिए।
प्रसाद ने कहा, “एक दिन आशा कार्यकर्ता आईं तो लगा जैसे मां दुर्गा ने हमारी प्रार्थना सुन ली। जैसे ही कन्या सुमंगला योजना की जानकारी मिली, मैंने अपनी बेटी को योजना के तहत पंजीकृत कराया। 19 दिसंबर2019 को 2000 रुपये की पहली किस्त जमा की गई। अब, हम अपनी बेटी के भविष्य को लेकर राहत महसूस कर रहे हैं।”
महिलाओं की सुरक्षा, समृद्धि और स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लक्ष्य के साथ, योगी सरकार ने शुरू से ही विशिष्ट कार्यक्रम और परियोजनाएं चलाई हैं। इसी क्रम में 2019 में शुरू की गई मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना न केवल लिंगानुपात को संतुलित करने बल्कि बेटियों को आत्मनिर्भर बनने का आधार प्रदान करने में भी निर्णायक साबित हुई। अब तक इस योजना के तहत करीब 13.67 लाख लड़कियों के बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर किया जा चुका है।

महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग के निदेशक मनोज राय ने बताया कि इस पहल के कई सकारात्मक परिणाम मिले हैं, जिसमें राज्य में लिंगानुपात में उल्लेखनीय सुधार के अलावा स्कूलों में लड़कियों के नामांकन में वृद्धि शामिल है।

सरकार की योजनाओं ने पात्रों को लाभ दिया है। कन्या सुमंगला जैसी योजनाएं समाज के हर क्षेत्र में महिलाओं को समान प्रतिनिधित्व देने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदृष्टि और प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

राज्य में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने इस योजना के लिए प्रति वर्ष 1200 करोड़ रुपये आवंटित किया है, जो स्पष्ट रूप से सरकार की प्राथमिकताओं को दर्शाता है।

समान लिंगानुपात स्थापित करने, राज्य में कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह पर अंकुश लगाने और बेटियों को शिक्षा से जोड़ने के उद्देश्य से इस योजना में प्रत्येक बालिका को 15 हजार रुपये दिए जाते हैं।

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