गोरखपुर: रामायण कॉन्क्लेव का हुआ आगाज, जन-जन तक पहुंचाने की कोशिश

गोरखपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों 29 अगस्त को अयोध्या से हुई रामायण कांक्लेव शुरुआत अब प्रदेश के सभी जिलों में धीरे-धीरे आयोजित होकर ‘लोक मानस में राम’ को जन जन तक पहुंचाने का माध्यम बनेगा। गोरखपुर में दो दिवसीय रामायण कांक्लेव की शुरुआत शनिवार को मुख्य अतिथि नगर विधायक डॉ राधामोहन दास अग्रवाल के कर कमलों द्वारा किया गया।

दो दिवसीय इस कांक्लेव में दर्जनभर विद्वान, संत और महंत शामिल होकर कांक्लेव में जहां आमंत्रित हजारों अतिथियों को राम की महत्ता बताने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं राम से जुड़े अनछुए पहलुओं को भी जन-जन तक पहुंचाने के लिए इस कांक्लेव के माध्यम से प्रयास किया जा रहा। रामायण कॉन्क्लेव का आगाज रामायण कांक्लेव अयोध्या शोध संस्थान की पहल है। जिसे उत्तर प्रदेश का संस्कृति एवं पर्यटन विभाग आगे बढ़ा रहा है। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में अयोध्या से महंत मिथिलेश नंदीशरण महाराज हैं।

इस कार्यक्रम में हिंदी साहित्य, इतिहास और भोजपुरी के विद्वानों का समागम होगा। जो कार्यक्रम के विषय लोक मानस में राम पर अपना व्याख्यान दिए। विद्वानों की सूची में पूर्व कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र दुबे चितरंजन मिश्र, हिंदी साहित्य संस्थान के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर विश्वनाथ त्रिपाठी, भोजपुरी साहित्य के विद्वान रविन्द्र श्रीवास्तव उर्फ जुगानी भाई राम के महत्व पर चर्चा किये। कार्यक्रम में उप निदेशक संस्कृति विभाग डॉ मनोज कुमार गौतम पर्यटनअधिकारी रविन्द्र मिश्रा राकेश श्रीवास्तव सहित अन्य मौजूद रहे।

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