गरीबों को कानूनी सहायता प्रदान करेगा ओजस : डॉ. वार्ष्णेय

लखनऊ। समाज की व्यवस्था को बनाए रखने के लिए नियम-कानून की आवश्यकता पडती हैं। इसलिए कानून को जानने के साथ व्यावहारिक रूप से उसका पालन भी करना चाहिए। न्याय हमेशा परदर्शी होना चाहिए। ताकि सभी पक्षों को लगे कि निर्णय उचित हुआ है। गोमतीनगर में ओजस लॉ ऑफिसेज आधुनिक भवन के शुभारंभ पर यह विचार आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ. अशोक कुमार वार्ष्णेय ने व्यक्त किए।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. वार्ष्णेय ने आगे कहा कि वतर्मान समय में न्याय पाने की प्रक्रिया बहुत महंगी हो चुकी है। जिसके चलते बहुत से लोग से वंचित रह जाते हैं। ओजस कंपनी ऐसे ही आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों की मदद के उद्देश्य से शुरू की गई है। यह कंपनी कानूनी दृष्टिकोण के अनुसार सेवा भाव के साथ काम करेगी। प्रदेश सरकार के मुख्य स्थाई अधिवक्ता प्रशांत सिंह अटल ने कहा कि समाज में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक न्याय पहुंचाने के लिए यह फर्म स्थापित की गई है। रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी के कुलपति पंकज अग्रवाल ने कहा कि कानून में रूढ़िवादिता ने स्थान बना रखा हैं। जिसे दूर करने के लिए यह कंपनी काम करेगी। हम भी अपने एजुकेशनल सिस्टम के माध्यम से आने वालो पीढ़ियों को रास्ता दिखाने का प्रयास करेंगे।

कार्यक्रम के अंत में चीफ लिटिगेशन लॉयर अमित जायसवाल और फर्म की निदेशक कोमल जायसवाल ने मुख्य अतिथि को न्याय के प्रतीक श्रीराम की मूर्ति भेंट की। कोमल जायसवाल ने बताया कि नए भवन में ई लाइब्रेरी से लेकर कांफ्रेंस रूम और सारी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। उद्घाटन समारोह में बरेली से आए श्रीराम मूर्ति स्मारक ट्रस्ट के सचिव आदित्य मूर्ति, दिल्ली से आए ओजस लॉ ऑफिसेज के अ‍वधेश चौधरी, अनुराग श्रीवास्तव समेत शहर के अनेक वरिष्ठ अधिवक्तागण व संभ्रांत व्यक्ति मौजूद रहे।

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