सुलतानपुर निकाय चुनाव: भाजपा समर्थकों के लिए बड़ा ही दिलचस्प होगा चेयरमैन की दावेदारी

सर्वेश कुमार सिंह/ सुलतानपुर। नगर पालिका परिषद् में लगातार चौथी बार कमल खिलाने के लिए भारतीय जनता पार्टी अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने मे लगी है। एक दर्जन से अधिक दावेदार के बीच निवर्तमान अध्यक्ष बबिता जायसवाल को कमजोर दावेदार मानने वालों के लिए दांव उलटा पड़ सकता है। पालिका अध्यक्ष पद के लिए संभावित प्रत्याशी सभी को चौका सकता है।

नगर पंचायतों के अलावा पार्टी का सारा जोर नगर पालिका परिषद् पर लगातार चौथी बार कब्जा जमाने को लेकर है। बताया जाता है कि स्थानीय इकाई से आवेदकों की सूची राजधानी पहुंच चुकी है, जहाॅ टिकटों को अंतिम रूप दिया जाना है। अध्यक्ष पद के लिए निवर्तमान अध्यक्ष बबिता जायसवाल और लगातार दो बार अध्यक्ष रहे प्रवीन अग्रवाल प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं।

इनके अलावा पूर्व पालिका अध्यक्ष भोलानाथ अग्रवाल, पूर्व जिला अध्यक्ष जगजीत सिंह छंगू, आलोक आर्या, अखिलेश जायसवाल, ज्ञान जायसवाल, संजय लोहिया, पूजा कसौंधन आदि टिकट की दावेदारी पर है। निवर्तमान अध्यक्ष बबिता जायसवाल को पार्टी को एक तबका कमजोर दावेदार मानता आ रहा था, लेकिन पार्टी और संघ में उनकी जड़े काफी गहरी है जिनकी वजह से उनकी दावेदारी को अब पार्टी पदाधिकारी ही नहीं बल्कि आम लोग भी मजबूत मान रहे हैं।

आजादी के पूर्व उनके स्वसुर स्व. हृदय नारायण जायसवाल 1942 में संघ से जुड़े। जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में भी उनका नाम शामिल है। 1952 से लेकर 1969 तक वे जिला मंत्री रहे चुके थे। इसके अलावा श्रीमती जायसवाल के पति अजय जायसवाल 1981 से 1986 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के जिला महामंत्री रहे। 1986 से 1992 तक युवा मोर्चा के महामंत्री रहे। 2009 में अजय जायसवाल भाजपा के जिला उपाध्यक्ष बने और 2015 में जिला पंचायत सदस्य भी बने।

बबिता जायसवाल भारतीय जनता पार्टी की 2012 में जिला मंत्री रहीं, 2015 में उपाध्यक्ष और 2017 में कोषाध्यक्ष बनी। वर्ष 2017 में सबको चैकाते हुए उन्होंने न केवल टिकट की दौड़ मे लगातार दो बार के अध्यक्ष रहे प्रवीण अग्रवाल का पत्ता काटा, बल्कि अन्य दावेदारों को भी चैंकाया। श्रीमती जायसवाल को नगर पालिका परिषद् के चुनाव में जीत भी हासिल हुई और उन्होंने तमाम झंझावतों से गुजरते हुए अपना कार्यकाल भी पूरा किया।

इस दौरान नए-नए भाजपाई बने पार्टी के कुछ नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने उनके रास्ते में कांटे बिछाए, जिनका उन्होंने बाखूबी सामना किया। पार्टी में आयातित नए नवेले जनप्रतिनिधि को उन्होंने पटखनी देकर बोलती बंद कर दी। बताते चलें कि भाजपा ने पश्चिमी क्षेत्रों में अधिकतर जुझारू कार्यकर्ता व पदाधिकारियों के चर्चित नामों को बाहर करते हुए निवर्तमान अध्यक्षों व नए कार्यकर्ताओं को स्थान दिया है। तो माना जा रहा है कि जुझारू अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल एवं उत्तर प्रदेश युवा उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश ब्यापारी कार्यकारिणी सदस्य, के अलावा व्यापार प्रकोष्ठ के नामित सदस्य हिमांशु मालवीय का नगर पालिका चेयरमैन के पद की उम्मीदवारी को लेकर चर्चा तेज हो गई।

सूत्रों तो यहां तक बता रहे हैं कि अगर एक बार फिर बबिता जयसवाल को टिकट मिलता है तो यह अचम्भा नहीं होगा। बल्कि इससे मूल भाजपाई कैडर का मनोबल ऊंचा होगा। बताया जाता है कि दावेदारों की पैरवी कर रहे हाईकमान के निर्देश पर आयातित नेताओं को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी हद में रहें, टिकट का फैसला पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी करेगी।

क्या कहते हैं पूर्व पाल के अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल
नगर पालिका चेयरमैन के प्रत्याशी पद की भाजपा द्वारा घोषणा करने को लेकर प्रवीण अग्रवाल की मानें तो भाजपा कैडर की पार्टी है मेरे नाम की घोषणा बस बाकी है। वही कयास लगाया जा रहा है संगठन के नये पदाधिकारियों को चेयरमैन बनने की तरदर्जीह अवश्य दी जाएगी।

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