सीतापुर: लखीमपुर हिंसा को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने निकाली अस्थि कलश यात्रा

सीतापुर। संयुक्त किसान मोर्चा ने लखीमपुर खीरी में हुई घटना में शहीद हुए किसानों व पत्रकार की अस्थियों को को लेकर सोमवार को अस्थ कलश यात्रा निकाली। सबसे पहले अस्थि कलश यात्रा शहर के लालबाग स्थित शहीद पार्क पहुंची। जहां श्रद्धांजलि देने के बाद यह यात्रा शहीद लालबाग पार्क से रामकोट, वजीरनगर, कुतुबनगर, मिश्रिख, नरसिंघौली होते नैमिषारण्य पहुंची। इस दौरान मृत किसानों की अस्थि कलश यात्रा को जगह-जगह लोगों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

रामकोट, गोरासी पुलिया, कुतुबनगर, नरसिंघौली किसान मजदूर एकता जिंदाबाद ‌के नारे के साथ बड़ी संख्या में मजदूर साथियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। उसके बाद अस्थियों को विसर्जित किया गया। शहर के शहीद लालबाग पार्क से नवीन चौक तक एसडीएम व सीओ सिटी काफिले के साथ चले। नवीन चौक पर अस्थि कलश लेकर चल रहे वाहन के पास आकर एसडीएम और सीओ सिटी ने ज्ञापन लिया। इस यात्रा में चलते हुए किसानों ने कहा कि जब शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक तरीके से 11 महीनों से नई दिल्ली के बॉडर पर चल रहे किसान आंदोलन को सरकार दबा नहीं पाई तो अब हिंसक रास्ता अख्तिया कर लिया।

कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री के बेटे सीधे गाड़ियों से कुचलकर किसानों की निर्ममता पूर्वक हत्या कर रहे है, मोदी-योगी की सरकार अब संविधान और लोकतंत्र को धीरे-धीरे खत्म करती जा रही है। किसानों की शहादत की भावना ही योगी- मोदी की फ़ासीवादी तानाशाही निज़ाम को खत्म कर देगी। किसानों का आंदोलन तीनों काले कानून के खिलाफ तो है ही साथ ही निजीकरण, निगमीकरण के खिलाफ मेहनतकश अवाम की रोजी रोटी बचाने का भी संघर्ष है। यदि तीनों काले कृषि कानून और बिजली संसोधन 2021 कानून लागू हो जायेगा तो देश पुनः सरमायेदारों का गुलाम हो जायेगा।

इसलिए हम लोग किसानों के साथ मजदूरों- छात्रों- नौजवानों की एकता बनाकर संवैधानिक लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने के लिए शहादत देते हुए लगातार संघर्ष कर रहे है। तीनों काले कृषि कानून वापस हो व एमएसपी की लिखित गारंटी हो। इस मौके पर पिंदर सिंह सिद्धू, उमेश पाण्डेय, गुरुपाल सिंह, ऋचा सिंह, अल्पना सिंह, शिव प्रकाश सिंह आदि संयुक्त मोर्चा के लोग भारी संख्या में मौजूद थे।

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