अयोध्या अब महाराष्ट्र की सुर्खियों में
दोनो सेनाओं के नेता दर्शन करने जा रहे अयोध्या, महाराष्ट्र में शक्ति प्रदर्शन कर दिखा चुके है ताकत
आलोक कुमार त्रिपाठी
लखनऊ। यूपी में भले ही अब राजनीतिक दलों के लिए अयोध्या कोई मुददा न हो लेकिन महाराष्ट्र में अब अयोध्या एक बडा मुददा बन गयी है। पिछले कुछ दिनों से अयोध्या में राम लला के दर्शन करने आने को लेकर मनसे और शिवसेना में जंग छिडी हुई है और दोनों ही दलों के नेता अयोध्या में जाकर यह सिद्ध करने की कोशिश मंे लगे है कि वो असली हिन्दुत्व के समर्थक है इसके लिए दोनों ही दलों के नेता अपनी अपनी सेना के साथ अयोध्या दर्शन करने के बहाने महाराष्ट्र में होने वाले चुनाव में हिन्दू वोटरों को अपनी ओर लाना चाहते है। महाराष्ट्र में शक्ति प्रदर्शन करने के बाद अब दोनों सेनाओं के सेनापतियों का रूख यूपी में अयोध्या की ओर हो चला है।
अयोध्या में विवादित ढाचा गिरने के बाद से यूपी का विधानसभा चुनाव हो या फिर लोकसभा चुनाव सभी में अयोध्या हमेशा राजनीतिकत दलों के लिए मुददा जरूर बनती रही है और समय समय पर इसका फायदा भी राजनीतिक दलों ने उठाया लेकिन कोर्ट के निर्णय के बाद से ही अयोध्या शांत हो गयी और राजनीतिक दलेां के लिए अयोध्या अब न तो शौर्य दिवस और न ही कलंक दिवस के लिए मनाया गया। लेकिन यूपी से दूर महाराष्ट्र में अयोध्या फिर सुर्खियों में है कारण है कि वर्ष 2023 में महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव। महाराष्ट्र में सत्ता पर पुनः काबिज होने को लेकर जहंा एक तरफ शिवसेना यह दिखाना चाहती है कि उसने भले ही कांग्रेस व एनसीपी से गठबंधन करके सरकार बना ली हो लेकिन आज भी वो हिन्दुत्व के मुददे पर पहले जैसे ही है। वहीं दूसरी तरफ शिवसेना से अलग होकर महाराष्ट्र नव निर्वाण सेना राज ठाकरे यह साबित करने में लगे है कि बाल ठाकरे के असली उत्तराधिकारी वो ही है। यही कारण है कि राज ठाकरे ने पहले हनुमान चालीसा पढने का एलान किया उसके बाद अयोध्या जाकर भगवान राम लला के दर्शन करने की घोषणा करके शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के सामने असली हिन्दुत्व की जंग छेड दी। जिसके बाद ही सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने पुत्र व महाराष्ट्र में मंत्री आदित्य ठाकरे को अपने लाव लश्कर के साथ अयोध्या जाने की घोषणा कर दी। यूपी की शांत अयोध्या महाराष्ट्र में फिर से चर्चा में आ गयी और मनसे और शिवसेना दोनो ही दल इस प्रयास में लगे है कि कैसे इस मुददे पर अपने को असली साबित किया जाये इसको लेकर पोस्टर बैनर से लेकर मीडिया मंे बयानबाजी भी काफी तेज हो गयी है। कुल मिलाकर दोनों ही ठाकरे बंधुओं के सामने अपने को बडा साबित करने की चुनौती है,उद्धव के सामने जहंा सत्ता में फिर से वापसी करना और यह साबित करना कि भले ही वो एनसीपी व कांग्रेस के साथ सरकार मे है लेकिन हिन्दुत्व का मुददा उसने नही छोडा है वही मनसे मुखिया राज ठाकरे के सामने अपनी पार्टी का वजूद बनाए रखने के साथ ही सत्ता में दखल रखना अहम है ऐसे में दोनो ही सेनापतियों ने अयोध्या को लेकन कोई कसर नही छोड रखी है और यह सिद्ध करने में लगे है कि मै ही असली हूॅ शायद इसी को लेकर अयोध्या में पिछले दिनों बैनर लगे थे कि असली आ रहा नकली से सावधान।